Jul 6, 2025
सावन 2025: उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के समय में बदलाव, जानें नई व्यवस्था और तारीखें
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में सावन 2025 के दौरान भस्म आरती के समय में बदलाव किया जाएगा। सावन के महीने में बाबा महाकाल के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं। इस दौरान मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं। खास तौर पर सावन के चारों सोमवार को भस्म आरती का समय आधा घंटा पहले शुरू होगा। आइए जानते हैं नई व्यवस्था, तारीखें और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
सावन में बदलेगा भस्म आरती का समय
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, सावन 2025 में भस्म आरती के समय में बदलाव किया जाएगा। यह बदलाव खास तौर पर सावन के चारों सोमवार को लागू होगा। सामान्य दिनों में भस्म आरती सुबह 3 बजे शुरू होती है, लेकिन सावन के सोमवार को यह सुबह 2:30 बजे शुरू होगी। इस बदलाव का उद्देश्य अधिक से अधिक भक्तों को दर्शन का अवसर प्रदान करना है।
सावन 2025 की तारीखें और शेड्यूल
सावन 2025 की शुरुआत 11 जुलाई से होगी और इसका समापन 9 अगस्त को होगा। इस दौरान चार सोमवार—14 जुलाई, 21 जुलाई, 28 जुलाई और 4 अगस्त—को भस्म आरती सुबह 2:30 बजे शुरू होगी। इन तारीखों पर मंदिर के पट भी आधा घंटा पहले खोले जाएंगे। बाकी दिनों में भस्म आरती का समय सुबह 3 बजे से 5 बजे तक रहेगा। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे दर्शन से पहले समय और व्यवस्था की जानकारी जरूर ले लें।
श्रद्धालुओं के लिए नई व्यवस्था
महाकाल मंदिर के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि सावन के महीने में भारी भीड़ को देखते हुए विशेष इंतजाम किए गए हैं। प्रत्येक दिन केवल 1500 से 1700 श्रद्धालुओं को ही भस्म आरती में शामिल होने की अनुमति होगी। जिन भक्तों के पास अनुमति नहीं होगी, उनके लिए कार्तिकेय मंडपम को खाली रखा जाएगा, जहां वे चलित (मोबाइल) दर्शन की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा, मंदिर प्रशासन ने कांवड़ यात्रियों के लिए अलग प्रवेश द्वार और व्यवस्थाएं भी लागू की हैं।
महाकाल की शाही सवारी और सावन का महत्व
सावन के महीने में महाकालेश्वर मंदिर में न केवल भस्म आरती, बल्कि शाही सवारी भी प्रमुख आकर्षण होती है। इस बार सवारी 14 जुलाई से शुरू होकर 18 अगस्त तक हर सोमवार को निकाली जाएगी। प्रत्येक सवारी में अलग-अलग थीम और भव्य झांकियां होंगी। सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, और उज्जैन में यह उत्सव और भी भव्य रूप में मनाया जाता है।