Nov 10, 2019
धर्मेन्द्र शर्मा - बहुप्रतीक्षित अयोध्या विवादित भूमि का मसला हल हो सका है क्योंकि देश के सुप्रीम कोर्ट ने अपना सुप्रीम फैसला सुना दिया है। सुप्रीम फैसले में विवादित भूमि को रामलला को दिया गया है तो वहीं दूसरे पक्ष को भी 5 एकड़ जमीन अयोध्या में उपलब्ध कराए जाने की बात कही गई है। फैसला आने के बाद देशभर में प्रशासन से लेकर शासन सभी लोग सांप्रदायिक माहौल को बनाए रखने और भाईचारा कायम रखने की अपनी-अपनी तरह से अपील कर रहे हैं। वहीं ग्वालियर के एक शख्स ने इस ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करते हुए एक गीत लिखा है और उस गीत के माध्यम से लोगों के बीच भाईचारा कायम रखने का संदेश दे रहे हैं।
न्यू रेलवे कॉलोनी के रहने वाले हैं गीत के रचियता शमशाद भारती
ग्वालियर के न्यू रेलवे कॉलोनी के रहने वाले यह शख्स है शमशाद भारती, जिन्होंने अयोध्या विवादित भूमि के बहुप्रतीक्षित फैसले के बाद पंक्तियों को अपने शब्दों में पिरोया है और इसे देश को समर्पित किया है। इतना ही नहीं उन्होंने यह गीत, यह पंक्तियां इसलिए लिखी है ताकि देश के अंदर लोग इस फैसले को दिल से स्वीकार कर आपस में भाईचारा कायम रख सके। कॉलोनी की ही दरगाह हजरत बाबा गुंबद वाले के सामने अयोध्या फैसले के बाद इन्होंने बैठे-बैठे इस गीत को अपनी भावनाओं के साथ जोड़ते हुए लिखा है। यूं तो शमशाद रेलवे से रिटायर हुए हैं और देशभक्ति के साथ ही लोकगीत, माता की भेंटे और भगवान रामचंद्र के भजन भी लिखते हैं लेकिन जिस तरह से यह फैसला आया है, उसके बाद उनके इस गीत में देश को अनेकता में एकता का सच्चा संदेश दिया है।
हर कोई इस समय भाईचारा कायम रहने की अपील कर रहा
देश के अंदर हर कोई इस समय भाईचारा कायम रहने की अपील कर रहा है। जिस तरह से फैसले के 24 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई है, इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश के अंदर अनेकता में एकता का संदेश इस गीत ने जो दिया है, वह हम सबके दिल में बसता है क्योंकि इस गीत की एक पंक्ति जिसमें कहा गया है कि दिल है मेरा कुरान और गीता है मेरी जान, भारत के नौजवानों तुम को मेरा सलाम। यही वह गीत और जज्बा है जो हिंदुस्तान की सच्ची तस्वीर दिखाता है।