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ग्वालियरः नए शैक्षणिक सत्र के लिए कुछ बीएड-एमएड कॉलेजों की संबद्धता पर भी लगी रोक

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May 2, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा- ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय ने नए शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए 3 नए और 24 पुराने बीएड-एमएड कॉलेजों को संबद्धता नहीं दी है। ये सभी ऐसे कॉलेज हैं जिनमें या तो नियमानुसार शिक्षकों की नियुक्ति नहीं थी या फिर निरीक्षण के दौरान सूची में दर्ज शिक्षक उपस्थित नहीं मिले थे। ये कॉलेज उच्च शिक्षा विभाग की प्रवेश प्रक्रिया से बाहर कर दिए जाएंगे। जिन कालेजों को नोटिस दिए गए हैं, उनमें ग्वालियर जिले के 15, भिंड जिले के 4, मुरैना-श्योपुर जिले के 3-3 व दतिया-अशोक नगर जिल के 1-1 कालेज शामिल हैं।

स्थाई समिति के निर्णयानुसार रोकी गई कालेजों की संबद्धता

जानकारी के अनुसार, जीवाजी विश्वविद्यालय के डीसीडीसी प्रो.डीडी अग्रवाल ने स्थाई समिति के निर्णयानुसार इनकी संबद्धता रोकते हुए इन सभी कालेजों की सूची उच्च शिक्षा विभाग को भेज दी है। इन कॉलेजों की संबद्धता रोकने के कारण भी बता दिए गए हैं। जीवाजी विश्वविद्यालय इससे पहले 5 अन्य कॉलजों की संबद्धता पर भी रोक लगा चुका है। कुल मिलाकर नए शिक्षा सत्र में संबद्धता गंवाने वाले कॉलेजों की संख्या 32 हो गई है। 16 अप्रैल को हुई स्थाई समिति की बैठक में यह तय किया गया था कि 50 सीट संख्या वाले कॉलेजों में एक प्राचार्य व 4 स्थाई शिक्षक तथा 100 सीट संख्या वाले कॉलेज में एक प्राचार्य व 7 शिक्षक होने पर संबद्धता दे दी जाएगी।

डी ग्रेड वाले कॉलेजों को संबद्धता नहीं दी जाएगी

इसके साथ ही यह भी तय किया गया था कि अगले सत्र से नैक व एनआईआरएफ की तर्ज पर एक प्रोफार्मा बनवाया जाएगा। इसमें ए ग्रेड वाले कॉलेजों को 3 साल, बी ग्रेड वालों को 2 साल व सी ग्रेड वालों को 1 साल के लिए ही संबद्धता मिलेगी। डी ग्रेड वाले कॉलेजों को संबद्धता नहीं दी जाएगी। निरीक्षण समितियों के प्रतिवेदन की जांच के दौरान पाया गया कि 24 पुराने व 3 नए कॉलेजों में निर्धारित शर्तों के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति नहीं है। कुछ की निरीक्षण रिपोर्ट से पता चला कि वह निरीक्षण के समय कॉलेज संचालक उन शिक्षकों को उपस्थित नहीं कर सके, जिन्हें उन्होंने अपने यहां पदस्थ दर्शा रखा था।