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राज्य निर्वाचन आयोग के सुझावों को लागू न करने पर HC ने जारी किया नोटिस, राज्य शासन से मांगा जवाब

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Jun 26, 2020

अरविंद दुबे : देश में होने वाले महापौर, विधायक और सांसद के चुनावों के लिये प्रत्याशियों के द्वारा पैसा खर्च करने की सीमा तय की गयी है, लेकिन नगरीय निकायों में पार्षदों के लिये चुनाव में रकम खर्च करने के लिये कोई भी सीमा का निर्धारण नहीं किया गया था। बता दें कि, पार्षद पद के लिये प्रत्याशियों द्वारा खर्च की जाने वाली राशि के निर्धारण के लिये नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के द्वारा साल 2019 में एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी, जिसकी सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने खर्च की सीमा तय करने संबंधी सुझाव राज्य शासन को दिये थे। 

हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर
हाईकोर्ट ने राज्य शासन को इन सुझावों को लागू करने के निर्देश के बाद याचिका का निराकरण कर दिया था लेकिन राज्य शासन ने इन सुझावों को लागू नहीं किया। इस पर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के द्वारा हाईकोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर की गयी है। 

अब धन बल से मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर सकेंगे प्रत्याशी
बता दें कि, हाईकोर्ट ने इस संबंध में राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। हाईकोर्ट के नोटिस के बाद राज्य शासन ने राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा दिये गये सुझावों को लागू करते हुये उसे कानून का दर्जा देते हुये तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया है। अब नगरीय निकायों के चुनावों में पार्षद मनमाने ढंग से पैसा खर्च नहीं कर सकेंगे इस संबंध में प्रदेश सरकार ने गजट नोटिफ़िकेशन जारी कर हाईकोर्ट में अपना पक्ष प्रस्तुत किया है। याचिकाकर्ता रजत भार्गव ने बताया कि नगरीय चुनावों में प्रत्याशी धन बल से मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर सकेंगें।