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मेघनगरः तहसीलदार की तानाशाही, 60 वर्षीय राजस्व सहायक पर तुगलकी फरमान

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Sep 24, 2019

दशरथ सिंह कट्ठा - सरकारी सिस्टम में अपने पद व प्रभाव के दम पर अपने ही विभाग के अधीनस्थ कर्मचारी को छोटी-छोटी बात पर प्रताड़ित करना, यह बात मध्य प्रदेश सरकारी सिस्टम की सबसे बड़ी कमजोरी रही है। कुछ ऐसा ही एक मामला झाबुआ जिले के मेघनगर तहसीलदार राजेश सोरते द्वारा अपने ही पिता की उम्र के 60 वर्षीय राजस्व सहायक बाबू प्रकाश हिहोर को तुगलकी फरमान लिखित आदेश देकर 24 घंटे ड्यूटी के लिए, दिनरात मेघनगर तहसील कार्यालय पर तैनात कर दिया गया। पीड़ित प्रकाश का पिछले माह की वेतन भी रोक लिया गया। जब दिन में कभी पीड़ित प्रकाश तहसीलदार साहब को नहीं दिखाई देते हैं तो बिना जानकारी के उनकी गैर हाजिरी तक लगा दी जाती है। अब उम्रदराज प्रकाश का कहना है कि में  बहुत प्रताड़ित हो रहा हूं और मेरी सुनने वाला कोई नहीं।

तहसीलदार के हिटलर शाही रवैया ने राजस्व ग्रेड 3 के सहायक का जीना किया दुश्वार

मेघनगर तहसील में पदस्थ राजस्व ग्रेड 3 के सहायक प्रकाश हिहोर के चेहरे पर चिंता की लकीरें और सिर पर सफेद बाल इनके अनुभव और आपबीती बयां कर रही है। लेकिन मेघनगर के तहसीलदार के हिटलर शाही रवैया में इनका जीना दुश्वार कर दिया है। वहीं प्रकाश हिहोर का कहना है कि उन्हें भू संपत्ति कर की वसूली के लिए दौड़ाया जा रहा है। जबकि प्रकाश को राजस्व वसूली का अधिकार नहीं है। यहां तक कि मुझे रात की ड्यूटी पर आने का लिखित आदेश और दिन में मौखिक रूप से तहसील कार्यालय पर बुलाया जाता है। जब मैं रात भर ड्यूटी करके दिन में कभी आने में थोडा लेट हो जाता हूं, तो मेरी गैर हाजिरी तक लगा दी जाती है। मेघनगर के तहसीलदार राजेश सोरतें ड्यूटी हेडक्वार्टर को छोड़कर थांदला रहना पसंद करते हैं क्योंकि इन्हें मेघनगर का पानी उपयोग करते वक्त चर्म रोग संबंधी बीमारी का डर सताता है। इतना ही नहीं, मेघनगर तहसीलदार का ट्रांसफर कुछ माह पूर्व भोपाल हो चुका था, लेकिन साहब का रसूख कहें या राजनीतिक पकड़ मेघनगर का मोह नहीं छूट पा रहा जो अपने ही अधीनस्थ अपने पिता की उम्र के स्टाफ को परेशान करने से बाज नहीं आ रहे हैं।