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महानगर बना कुपोषण का ठिकाना, पिछले सात दिनों में 20 बच्चे हुए कुपोषण का शिकार

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Oct 24, 2018

धर्मेन्द्र शर्मा - स्मार्ट सिटी का आकार ले रहे ग्वालियर महानगर में कुपोषण ने ठिकाना बना लिया है पिछले सात दिनों में 20 बच्चे कुपोषण का शिकार हुए हैं इनमें 12 बच्चों को थाटीपुर के न्यूट्रीशन एंड रिहैबलिटेशन सेंटर एनआरसी में भर्ती कराया गया है छह बच्चे ऐसे हैं जिनका परीक्षण कर एनआरसी के रजिस्टर में दर्ज किया गया और डाइट दी गई एक दिन में दो बच्चों के कुपोषित होने का औसत परिणाम शर्मनाक है। हकीकत यहीं तक नहीं बल्कि 43 लाख रुपए जिले की आंगनबाड़ियों पर हर माह खर्च किया जाता है, तब यह हालात हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने साधी चुप्पी

महिला एवं बाल विकास विभाग के दावों में तो कुपोषण का नामो-निशान नहीं है, इधर एनआरसी सेंटर विभाग के अफसरों को आईना दिखा रहा है दरअसल थाटीपुर के एनआरसी पर 8 अक्टूबर के बाद से अब तक 20 बच्चे कुपोषण का शिकार होकर आ चुके हैं आपको बता दें कि बच्चों के पनपने का सबसे बड़ा चैनल आंगनबाड़ी सिस्टम हैं हर महीने ग्वालियर में 1400 से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों पर 43 लाख रुपए खर्च करने वाला महिला एवं बाल विकास विभाग चुप्पी साधे बैठा हुआ है।

आंगनबाड़ियों में पहुंचाया जा रहा घटिया खाना

ऐसा इसलिए कि स्व.सहायता समूहों की हकीकत किसी से छिपी नहीं है। शहर में महिला एवं बाल विकास की मॉनिटरिंग की क्या हालत है,वह इससे साफ है कि एक ही स्व सहायता समूह; स्व सुशीला दीक्षित महिला मंडल के पास 300 से ज्यादा आंगनबाड़ियां हैं। बच्चों को हर रोज घटिया खिचड़ी, दलिया पहुंचाया जाता है, बच्चे खाएंगे भी तो पनप नहीं सकते।