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मध्यप्रदेश में गांवों के हालात हुए बदतर, मानवीय संवदेनाओं को चोटिल करने वाला मामला सामने..

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Sep 22, 2019

राजेश दुबे : आजादी के सालों बाद भी मध्यप्रदेश के गांवों के हालात अब भी बेहद बदतर हैं। हालात यह कि अव्यवस्थाओं से जूझते प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में लोग जीते जी तो परेशान हो ही रहे हैं, मरने के बाद भी सुकून नहीं है। मानवीय संवेदनाओं को चोटिल करता यह मामला अशोकनगर जिले के देहात थाना क्षेत्र के मड़खेड़ा गांव का है। जहां शुक्रवार रात दलित समुदाय से जुड़े वृद्ध पम्मू हरिजन का निधन हो गया, पम्मू के निधन के बाद उनके परिजन और अन्य ग्रामीणों ने जब शनिवार को उसके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की, तो उन्हें पानी और कीचड़ से सरोबार खेतों के बीच से पम्मू की अंतिम यात्रा निकालनी पड़ी। 

बरसते पानी में किया अंतिम संस्कार
बता दें कि इतना ही नहीं, ग्रामीण करीब चार किलोमीटर चलकर पम्मू का अंतिम संस्कार करने पहुँचे, तो उन्हें बरसते पानी में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी। ग्रामीणों ने चिता को बारिश से बचाने उस पर प्लास्टिक का तिरपाल ताना और जब बारिश रुकी, तब जाकर पम्मू की चिता को अग्नि नसीब हुई। 

प्रशासनिक अधिकारियों से ग्रामीण लगा चुके हैं गुहार
गांव के उपसरपंच प्रतिनिधि गोविंद सिंह सिकरवार बताते हैं कि, श्मशान घाट पर शेड का निर्माण कराने कई बार वे सरपंच सहित प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगा चुके है, उसके बावजूद भी शमशान घाट के लिए रास्ते और शेड की व्यवस्था नही हुई।