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बैतुलः साइकिल तो है पर सड़क नहीं, आखिर स्कूल बच्चे जायें कैसे  

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Sep 12, 2019

युवराज गौर - सरकारी स्कूलों में बच्चों का भविष्य संवारने के लिए करोड़ों खर्च किये जा रहे हैं। बच्चे समय पर स्कूल पहुंच सके इसके लिए बच्चों को साइकिले दी गयी हैं। क्या वास्तव में इन सुविधाओं से बच्चों का भविष्य संवर रहा है, तो जवाब होगा नहीं, क्योंकि बच्चों को साइकिल तो दे दी गयी, पर इसे चलाने के लिए सड़क ही नहीं बनाई गई। मामला है बैतुल के भीमपुर विकास खंड का जहां ग्राम पंचायत उती के रहने वाले 50 बच्चे पिछले 2 महीने से स्कूल नहीं जा पाए है वो भी सिर्फ इसलिए कि गांव से 3 किलो मीटर दूर स्कूल तक जाने के लिए सड़क ही नहीं है। रास्ते में पड़ने वाली नदी पर पुल तो दूर रपटा तक नहीं है। यही वजह है कि बच्चे पिछले 2 महीने से अपने घरों में कैद हैं। परिणाम की बच्चे शासन द्वारा दी गई साइकिलें वापस करने कलेक्ट्रेट पहुंच गए।

सिस्टम की लापरवाही बनी बच्चों की राह में रोड़ा

निराश भाव की मुद्रा और अपने भविष्य को लेकर चिंतित ये वही ग्रामीण बच्चे हैं जो आसमान की ऊंचाइयों को छूना तो चाहते हैं, लेकिन सिस्टम की लापरवाही इनकी राह में रोड़ा बनी हुई है। समय पर स्कूल पहुंचने के लिए बच्चे साइकल लेकर घर से तो निकलते हैं, लेकिन सड़क नहीं होने से साइकिल भी साथ नहीं दे पा रही है। हद तो तब हो जाती है, जब गांव के बाहर नदी में पानी का बहाव तेज होने पर बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए अपनी जान तक दांव पर लगानी पड़ रही है। कुछ तस्वीरें आदर्श मध्य प्रदेश की सच्चाई उजागर करने के लिए काफी हैं। बच्चों का कहना है कि शासन की ऐसी सुविधा किस काम की जो परेशानियों काम करने के बजाय और भी ज्यादा बढ़ा दे। बच्चों की समस्याओं को देख कर पालकों में भी आक्रोश पनप रहा है। वहीं जिम्मेदार अब सड़क और पुल बनाने का भरोसा बच्चों को दे रहे हैं।