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ग्वालियरः छेड़खानी के आरोपी को मिली अनोखी सजा

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Mar 28, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा- ग्वालियर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने छेड़खानी के आरोपी की तीन साल की सजा को निलंबित करने के लिए उसके सामने अनोखी शर्त रखी है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी की उम्र 20 साल है। अगर वह जनसेवा करता है तो उसमें सुधार जल्द आएगा। इसलिए वह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में हफ्ते में दो दिन मरीजों की सेवा करेगा। यह काम उसे अगले 6 महीने तक करना होगा। हर दो महीने में आरोपी के अधिवक्ता को उसके काम की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी।

नाबालिग लड़की का आरोपी ने पकड़ लिया था हाथ

दरअसल गुना जिले के बमोरी थाने में एक नाबालिग ने 6 नवंबर 2015 को फिरोज खान निवासी हरिजन मोहल्ला बमोरी के खिलाफ शिकायत की थी। शिकायत के अनुसार नाबालिग स्कूल जा रही थी और रास्ते में फिरोज खान ने उसका हाथ पकड़ लिया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट व छेड़खानी का केस दर्ज किया। जांच के बाद अपर सत्र न्यायालय में चालान पेश किया गया। अपर सत्र न्यायालय ने आरोपी को दोषी मानते हुए 2 मार्च 2019 को 3 साल की सजा सुनाई थी और उसे जेल भेज दिया था। जिसके बाद आरोपी ने हाईकोर्ट में सजा के फैसले को चुनौती दी। आरोपी की ओर से तर्क दिया गया कि वह नवयुवक है। उसकी गलती सिर्फ इतनी है कि उसने हाथ पकड़ने को कहा था, लेकिन उसके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करा दी। अगर उसे जेल में रखा जाता है तो उसका भविष्य खराब हो जाएगा।

स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों की चार घंटे सेवा करनी की सजा

हाईकोर्ट ने केस का अध्ययन के बाद आरोपी की सजा को निलंबित करने के लिए अनोखी शर्त रखी। कोर्ट ने कहा कि आरोपी नवयुवक है। उसे सुधरने का एक मौका दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि उसे बमोरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों की चार घंटे सेवा करनी होगी। हफ्ते में दो दिन यह काम करना होगा। उसके अधिवक्ता काम की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे और आरोपी अपने अनुभव भी बताएगा। जेल से उसे 50 हजार के निजी मुचलके पर रिहा किया जाएगा। कोर्ट ने उसकी अपील को फाइनल सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है।