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होलिका दहन में किया जायेगा जेल में बन रही गोकाष्ठ का उपयोग

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Mar 9, 2020

उज्जैन: होली के पर्व पर केंद्रीय जेल भैरवगढ़ से पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अच्छा संदेश दिया जा रहा है। भैरवगढ़ जेल की गोशाला में 234 गाये मौजूद हैं, जिनके गोबर से गोकाष्ठ बनाए जा रहे हैं। गोकाष्ठ निर्माण के लिए हरियाणा से 50 हजार रुपये कीमत की मशीन मंगवाई गई है। यहां रोजाना तीन कैदी काम करते हैं। आधे गोबर से खाद वहीं आधे से गोकाष्ठ बन रही है। इसका उपयोग रसोई में खाना बनाने से लेकर अंतिम संस्कार तक के लिए हो रहा है। इस साल होली पर शहर की 15 से ज्यादा संस्थाएं जेल की गोकाष्ठ का उपयोग कर होलिका दहन करने जा रही हैं।

गायों की देखभाल करने के लिए जेल प्रशासन ने लगाई कैदियों की ड्यूटी

आपको बता दे कि भैरवगढ़ जेल की गायों की देखभाल करने के लिए जेल प्रशासन ने कैदियों की ड्यूटी लगा रखी है। कुछ दिनों पहले तक केवल दूध का ही उपयोग हो रहा है, लेकिन अब गोबर का भी उपयोग जेल प्रशासन बेहतर ढंग से कर रहा है। वहीं, खाद के साथ-साथ जेल प्रशासन गोकाष्ठ का निर्माण करा रहा है। उप जेल अधीक्षक संतोष लाड़िया के मुताबिक एक तगारी गोबर से मात्र तीस सेकंड में गोकाष्ठ तैयार हो रहा है। इस गोकाष्ठ को सूखाकर बेचने के लिए जेल के बाहर ही रखा जा रहा है। जेल अधिकारियों के मुताबिक जेल में बनने वाली गोकाष्ठ का उपयोग अंतिम संस्कार के लिए ज्यादा हो, इसके लिए चक्रतीर्थ पर कंडे व लकड़ी की व्यवस्था करने वाले ट्रस्ट से भी संपर्क बनाया गया है। फिलहाल ट्रस्ट ने कोई ऑर्डर नहीं दिया है, लेकिन बातचीत की जा रही है। यदि चक्रतीर्थ पर इसका उपयोग होना प्रारम्भ हो गया तो बड़ी मात्रा में गोकाष्ठ तैयार किया जाएगा।