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 ATM से आपकी कार्ड डीटेल्स चुरा सकते हैं हैकर, रखें सावधानी

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Dec 8, 2016

एटीएम से आप रोजमर्रा की जरूरत का कैश निकालें और हैकर्स के शिकार न बने। इसके लिए लोगों को सावधानी रखना बहुत जरूरी हो गया है। क्योंकि जहां नोटबंदी के बाद से लोगों ने ई-वॉलेट रखना शुरूकर दिया है। तो वहीं साइबर हैकर ने अपनी पैठ बना ली है। दरअसल भारत में कुल 2.20 लाख एटीएम में 70% ऐसे हैं, जिनमें माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज एक्सपी का इस्तेमाल हो रहा है। इनके लिए माइक्रोसॉफ्ट कोई सिक्यॉरिटी अपडेट, पैचेज या टेक्निकल सपॉर्ट नहीं देता है। माइक्रोसॉफ्ट 8 अप्रैल 2014 से ही ऐसी मदद बंद कर चुका है। ऐसे में आपके कार्ड डीटेल्स खतरे में हैं।

8 नवंबर को नोटबंदी के सरकारी ऐलान के बाद जहां लंबी कतारों में लोगों के धीरज की परीक्षा हो रही है, वहीं एटीएम से जुड़े सिस्टम का भी इम्तिहान हो रहा है। प्राइसवॉटरहाउसकूपर्स के पार्टनर और लीडर (फाइनैंशल टेक्नॉलजीज) विवेक बेलगावी ने कहा, 'एटीएम की प्रतिरोधक क्षमता कम है क्योंकि विंडोज एक्सपी के लिए माइक्रोसॉफ्ट अब कोई सपॉर्ट नहीं देती है। इसका मतलब किसी भी मैलवेयर से निपटने का कोई इंतजाम नहीं है। ऐसे एटीएम को हैकरों के हमले से निपटने के लिए अपग्रेड नहीं किया गया है।'

एटीएम लगाने वाली कंपनी एनसीआर का कहना है कि अपग्रेड करने का जिम्मा बैंकों पर है। एनसीआर इंडिया के एमडी नवरोज दस्तूर ने कहा, 'विंडोज एक्सपी को विंडोज 7 में अपग्रेड करने का जिम्मा बैंकों पर है। दुनियाभर में ऐसा ही होता है।' सिक्यॉरिटी सॉफ्टवेयर मुहैया कराने वाली कैस्पर्स्की लैब के एमडी अलताफ हालदे ने कहा, 'अनसपॉर्टेड विंडोज एक्सपी सिस्टम्स में हमने मैलवेयर पाए हैं। इंडिया में करीब 75% एटीएम में अनसपॉर्टेड विंडोज एक्सपी का उपयोग हो रहा है।'