Loading...
अभी-अभी:

उज्जैन में गौ पूजन में दिखी अनूठी आस्था, ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर निभा रहे परम्परा

image

Oct 28, 2019

अनिल बैरागी : उज्जैन से 75 किलामीटर दूर स्थित बडनगर तहसील के ग्राम भिडावद में आज फिर अनूठी आस्था देखने को मिली है। गांव में सुबह गाय का पूजन किया गया। पूजन के बाद लोग जमीन पर लेटे और उनके ऊपर से गाये निकाली गई। मान्यता है की ऐसा करने से मन्नतें पूरी होती है और जिन लोगों की मन्नत पूरी हो जाती है वे भी ऐसा करते है। परम्परा के पीछे लोगों का मानना है की गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास रहता है और गाय के पैरो के नीचे आने से देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।  

आस्था के नाम पर जान से खिलवाड़
दरअसल आस्था के नाम पर यहाँ लोगो की जान के साथ खिलवाड़ भी किया जाता हैं।  दीपावली पर्व के दूसरे दिन होने वाले इस आयोजन में जो लोग शामिल होते है उन्हें वर्षो पुरानी परम्परा का निर्वाह करना होता है। परम्परा अनुसार लोग पांच दिन तक उपवास करते हैं और दीपावली के एक दिन पहले गांव के माता मन्दिर में रूककर रात गुजारते है और भजन कीर्तन करते हैं। 

गांव में खुशी का माहौल
दीपावली के दूसरे दिन पड़वा पर सुबह पूजन किया जाता है उसके बाद ढोल बाजे के साथ गाँव की परिक्रमा की जाती है। गांव की सभी गायों को एकत्रित किया जाता है और दूसरी तरफ लोग जमीन पर लेटते हैं। जहाँ लोगों को लेटाया जाता है उस और गायों को एक साथ छोड़ दिया जाता है। कुछ ही समय में सारी गाये इन्हें अपने पैरो से रोदती हुई इन पर से गुजर जाती है। इसके बाद मन्नत करने वाले उठ खडे होते है और ढोल की धुन पर नाचने लगते हैं। पूरे गांव में ख़ुशी का माहौल रहता है। इस दृश्य को देखने के लिए आस पास के गांवो के लोग भी उत्साह के साथ आते है।