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ग्वालियर : 20 लाख EVM गायब होने का मामला उजागर, अब हाईकोर्ट सुनाएगा फैसला

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May 27, 2019

विनोद शर्मा : 20 लाख EVM गायब होने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर में इस संबध एक जनहित याचिका दायर कर दी गयी थी। जिस पर आज कोर्ट में सुनवाई हो गयी है। साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला रिजर्व कर लिया है। दरअसल जनहित में कहा गया है कि ईवीएम मशीनें गायब होने के मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ फौजदारी यानि की आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएं। साथ ही ईवीएम की राशि वसूली जाएं और पूरे घटनाक्रम की जांच सीबीआई से कराई जाएं। 

सीनियर एडवोकेट उमेश बोहरे ने लगाई याचिका
इस संबंध में 22 मई को हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक जनहित याचिका सीनियर एडवोकेट उमेश बोहरे ने कई अहम दस्तावेजों के साथ जनहित पेश की थी। उमेश बौहरे ने इस याचिका में मुख्य चुनाव आयुक्त सहित 14 लोगों को बनाया पार्टी है। जिसमें निर्वाचन आधिकारी, कलेक्टर ग्वालियर, कलेक्टर मुरैना, कलेक्टर भिंड, कलेक्टर गुना को भी बनाया पार्टी है। याचिका में कहा गया है कि गायब हुई ईवीएम का उपयोग देश के अलग-अलग हिस्सों के साथ-साथ ग्वालियर चंबल संभाग में लोकसभा चुनाव में किया गया है। 

ईवीएम की जनहित याचिका पर सुनवाई
बहरहाल अब ईवीएम की जनहित याचिका पर सुनवाई हो गयी है। अब इस मामले में कोर्ट कभी अपना फैसला सुना सकता है। आपको बता दें कि मुंबई के आरटीआई एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने 27 मार्च 2018 को बॉम्बे हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका में उन्होंने ईवीएम की खरीद, स्टोरेज और डिलीवरी में शामिल प्रक्रियाओं के बारे में जानना चाहा था। इसके लिए हाई कोर्ट से मांग की गई थी कि डाटा उपलब्ध कराने के लिए वह संबंधित संस्थाओं को आदेश दे। इसी क्रम में मिले डाटा में यह जानकारी सामने आई है कि ईवीएम निर्माताओं ने जो मशीनें चुनाव आयोग को भेजने के लिए तैयार कीं, उनमें से 20 लाख ईवीएम चुनाव आयोग के कब्जे में नहीं पहुंची हैं। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद यह मामला चर्चा का विषय बन गया है।