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हाईकोर्ट ने शहर में प्रदूषित पानी की सप्लाई को लेकर राज्य सरकार को दिया नोटिस, 2 सप्ताह में मांगा जवाब

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May 27, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा : हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने शहर में प्रदूषित पानी की सप्लाई को लेकर दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार के संगठन राष्ट्रीय लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं पर्यावरण को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब तलब किया है। इस मामले की सुनवाई अब जून के पहले सप्ताह में की जाएगी। 

दरअसल ग्वालियर के ही एक समाजसेवी राजेंद्र तलेगांवकर ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है जिसमें कहा गया है,कि स्वच्छ पानी पीना हर व्यक्ति का बुनियादी हक है लेकिन नगर निगम के तिघरा बांध से सप्लाई होने वाले पानी का स्तर गुणवत्ता विहीन होकर प्रदूषित है। पिछले लंबे अरसे से शहर में प्रदूषित और पीले रंग के पानी की सप्लाई की जा रही है जिसमें बदबू आना आम बात हो गई है। इस पानी के लगातार इस्तेमाल से डायरिया ,उल्टी ,दस्त सहित दूसरे संक्रामक रोग होने का अंदेशा है। 

77 पेज का एक मैनुअल कोर्ट में किया पेश 
याचिकाकर्ता ने पेयजल के मानकों से संबंधित 77 पेज का एक मैनुअल कोर्ट में पेश किया है। इस पर हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता देखते हुए ग्वालियर कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर और नगरीय विकास विभाग को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने कहा है ,कि प्रदूषित पानी को लेकर केंद्र सरकार का लोक स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग भी जिम्मेदार है। इसलिए उसे पक्षकार बनाया जाए। 

प्रदूषित पानी की सप्लाई को लेकर पहले भी हो चुकी हैं शिकायतें
गौरतलब है कि ग्वालियर शहर में प्रदूषित पानी की सप्लाई को लेकर पहले भी कई शिकायतें नगर निगम कमिश्नर और जिला प्रशासन को की जा चुकी है। लेकिन पानी शुद्ध ना हो पर प्रदूषित सप्लाई हो रहा है।नागपुर से आए नीरी के विशेषज्ञों ने भी शहर में सप्लाई हो रहे पानी को पीने योग्य नहीं बताया है। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद अब जून के पहले सप्ताह में इस मामले पर सुनवाई होगी।