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12 साल पहले हुए अपहरण के मामले में निचली कोर्ट ने आरोपियों को किया दोषमुक्त

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Jul 31, 2018

धर्मेन्द्र शर्मा : हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में दतिया के बड़ौनी इलाके में करीब 12 साल पहले हुए अपहरण के एक मामले में निचली कोर्ट से सजायाफ्ता दो आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है। ट्रायल कोर्ट ने इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी दतिया के बड़ौनी इलाके में रहने वाले लक्ष्मण कुशवाहा का अपहरण हो गया था इस मामले में राजा उर्फ दुर्गा और नंदू उर्फ नंदकिशोर इमलिया के खिलाफ अपहरण डकैती और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया था। 

न्यायालय ने राजा और नंदू को दोषी पाते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया था आरोपी 2006 से ही पुलिस की गिरफ्त में थे इस मामले में आरोपियों की ओर से कोई वकील नहीं होने के कारण विधिक सहायता प्राधिकरण ने 10 साल पहले यानी 2008 में उनकी आपराधिक अपील हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए लगाई थी लेकिन 10 साल बाद यह मामला इसी महीने सुनवाई में आया इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अगवा हुए लक्ष्मण कुशवाह की फिरौती के बदले में दिए गए 40 लाख रुपए के लेनदेन को हकीकत से परे पाया। वहीं आरोपियों और फरियादी की आपस में पहचान पुलिस के द्वारा कराई गई जो कहीं से भी उचित नहीं थी सिर्फ मध्यस्थ के बयान के आधार पर राजा और नंदू को आरोपी बनाया गया था और इसके लिए कोई प्रमाण भी नहीं पेश किया गया। 

हाईकोर्ट ने इस मामले में राजा व नंदू को 12 साल जेल में बिताने के बाद अब रिहा करने के आदेश दिए हैं और उन्हें सरकार से एक-एक लाख रूपए का मुआवजा देने के भी आदेश दिए हैं। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार चाहे तो विवेचना अधिकारी की गलती मिलने पर यह रकम उससे भी वसूली जा सकती है और पुलिस विवेचना में ऐसे तथ्यों को शामिल करें जिससे कोई निरपराध व्यक्ति दोषी होकर जेल नहीं पहुंचे इसके लिए उन्होंने सरकार को एक जांच के लिए सेंटर खोलने की सलाह दी जहां विवेचना अधिकारियों को ट्रेंड किया जा सके।