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ग्वालियर कलेक्टर ने शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए बनाया मास्टर प्लान...

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Jul 17, 2019

विनोद शर्मा : केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की रिपोर्ट आने के बाद अब आनन-फानन में ग्वालियर कलेक्टर ने शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए चार प्लान तैयार किए है। जिसमें सबसे पहला प्लान 15 साल पुराने डीजल वाहनों को शहर से बाहर करना है, शहर में चल रही औधोगिक फैक्ट्रियों को भी बाहर करने का भी प्लान है। इसके साथ ही कलेक्टर ने चेंबर ऑफ कॉमर्स के साथ मिलकर एक मीटिंग भी कॉल की है। 

दरअसल प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद ग्वालियर शहर में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसकी पुष्टि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) में शामिल देश के 102 शहरों की जारी सूची से हुई है। इस सूची में 28 ऐसे शहर शामिल हैं, जिनमें वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इनमें प्रदेश से ग्वालियर का नाम भी शामिल है। ग्वालियर में ये स्थिति तब है जब यहां वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए जून 2018 में जिला प्रशासन ने 11 विभागों के साथ मिलकर 485 करोड़ का एक्शन प्लान तैयार कर उसका क्रियान्वयन भी शुरू कर चुका है। केंद्र सरकार अब शहर में वायु प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए 10 करोड़ रुपए की राशि मुहैया कराएगी।  

कलेक्टर के मुताबिक इन चार प्रमुख कारणों से बढ़ रहा है प्रदूषण..
1. ग्वालियर शहर में कई जगह खुले में कचरा जलाया जा रहा है। रोकथाम की जिम्मेदारी निगम की है लेकिन अभी तक किसी पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई नहीं की गई। 

2. शहर के प्रमुख मार्ग नहीं हो पाए डस्ट-फ्री। स्थिति ये है कि जिन सड़कों के निगम डस्ट-फ्री होने का दावा कर रही हैं, उनमें से कुछ तो क्षतिग्रस्त हैं। 

3. 15 साल पुराने डीजल वाहन निगम सीमा से अभी तक बाहर नहीं किए जा सके है। इनसे निकलने वाला धुआं पीएम (धूल के कण)-10 की मात्रा बढ़ाता है। 

4. शहर के अंदर औधोगिक फैक्ट्रियां चल रही है, जिससे प्रदूषण फैल रहा है।