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पत्थर निकालने के लिए क्रेशर कारोबारियों ने खदान में किए 250 फीट तक गहरे गड्ढे

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Jul 31, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा : ग्वालियर में पत्थर निकालने के लिए क्रेशर कारोबारियों ने प्रत्येक खदान में 150 से 250 फीट तक गहरे गड्ढे किए हैं। इन गड्ढों को माइनिंग प्लान के अनुसार उत्खनन बंद होने के बाद भी भरा नही गया है। अब बारिश में इन गड्ढों में भरा पानी डेंगू जैसे खतरनाक मच्छर का लार्वा पनपने के लिए सबसे अच्छी जगह बन गया है वहीं गंदा पानी मलेरिया के मच्छरों के प्रजनन की जगह बन रहा है। जेएएच में हर दिन 2200 सौ से अधिक मरीज बुखार सहित अन्य संक्रमण की शिकायत लेकर आ रहे हैं जेएएच अधीक्षक के अनुसार आने वाले समय में प्रतिदिन मरीजों की संख्या में और इजाफा होने की संभावना है।

मच्छर का लारवा पनपने से पहले ही होगा खत्म
मच्छर जनित बीमारियों के संभावित खतरे से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने सभी खदान संचालकों को गंबूसिया मछली खरीद कर गड्ढों में डालने के निर्देश दिए हैं ताकि मच्छर का लारवा पनपने से पहले ही खत्म हो जाए लेकिन हकीकत इसके विपरीत है क्योंकि अभी तक कोई कार्यवाई नही की गई है। जिससे आसपास रहने वाले ग्रामीणों के अंदर डेंगू, मलेरिया बीमारी से ग्रसित हो जाने का खतरा बढ़ गया है और भी प्रशासन से जल्द दवाई छिड़काव या फिर पानी बने गड्ढों में मच्छर खाने वाली मछलियों के डालने की मांग कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र में मलेरिया की रोकथाम के लिए अभी तक कलेक्टर ने जितने भी निर्देश जारी किए हैं उनको लेकर ना तो नगर निगम के अधिकारी और ना स्वास्थ विभाग के सीएमएचओ सक्रिय भूमिका में नजर आ रहे हैं।

पानी में पनप रहे लारवा
बता दें कि रफादपुर, बिलौआ, लदेरा सहित आसपास के गांव में पत्थर की खदानों के गहरे गड्ढों में जमा हो रहे पानी में लारवा पनप रहे हैं ,शंकरपुर में बंद खदानों के गड्ढों में भी खूब लारवा पनप  रहा है कलेक्टर का कहना है कि दस्तक अभियान समाप्त होने के बाद जिले के अंदर पहली प्राथमिकता के तौर पर डेंगू मलेरिया के लिए अभियान चला कर काम किया जाएगा।जिसके लिए अधिकारियों को निर्देशित कर युद्ध स्तर पर कार्रवाई होगी, ताकि शहर की जनता को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य हानि ना हो सके। खदानों के आसपास रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि खदानों में गहरे गड्ढे और उन में भरा पानी जहां डेंगू लार्वा को जन्म देने का स्थान बन गया है तो वही इसके साथ ही कई संक्रमित बीमारी भी फैलने की संभावना बढ़ गई है। कलेक्टर से कई बार शिकायत करने के बावजूद भी आप तक क्षेत्र में कार्यवाही व फागिंग छिड़काव के साथ ही लारवा रोकने के लिए दवाई डालने की कार्यवाही स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं की गई है ऐसे में आसपास के ग्रामीण डेंगू की चपेट में आसानी से आ सकते हैं। बीते बरस डेंगू से 9 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। अब देखना होगा ग्रामीणों की इस अपील को जिले के दंडाधिकारी कब तक सुनते है।