Oct 1, 2019
विनोद शर्मा : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के तेवर मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी ग्वालियर को लेकर सख्त हो चले है। हाईकोर्ट ने कंपनी के वकील को जमकर फटकार लगाई है, साथ ही कहा है कि क्यों न विद्यत वितरण कंपनी का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाए। क्योंकि ग्वालियर के कई इलाके ऐसे है। जहां पर एक-एक ट्रांसफार्मर में लोगों ने हजारो तार जोड रखे है, जो खुले में है। जिसके कारण बीते महीनों में कई लोग की जान जा चुकी है। लेकिन विद्युत वितरण कंपनी ने उन लोगों से पैसे जमा कराने के बाद भी वैध कनेक्शन नही दिए हैं जिसके कारण वो अवैध कनेक्शन ले रखें है।
आदित्यपुरम में बच्ची की मौत
दरअसल 19 जून 2019 को तारों की चपेट मे आने से ग्वालियर के आदित्यपुरम में एक बच्ची की मौत हो गई थी। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने आंदोलन भी किया था। लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई थी। जिसके बाद ग्वालियर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई और कहा गया कि इस तरह के खुले तार आए दिन दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। इस और बिजली विभाग बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है। समय रहते इन तारों को नहीं हटाया गया तो किसी दिन ग्वालियर में कोई बड़ी घटना दुर्घटना घटित हो सकती है।
याचिका पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने सभी जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी करके 4 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा था। जिसके बाद आज कोर्ट में सुनवाई हुई है, कोर्ट ने विद्युत वितरण कंपनी को फटकार लगाई है। साथ ही अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि ग्वालियर में कई इलाके ऐसे हैं, जहां बिजली विभाग ने अभी तक अपनी लाइन नहीं डाली है। जिसके चलते वहां आसपास रहने वाले लोग अपने स्तर पर डीपी से तार डालकर अपने घरों में लाइट जला रहे हैं। यह तार खुले पड़े रहते हैं इसके साथ ही अत्याधिक लोगों द्वारा यहां से कनेक्शन लिए जाने के चलते यहां तारों का मकड़जाल सा बिछा है।