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ग्वालियर में कार्यवाहक महापौर का पद एक महीने से खाली, महापौर की गैरमौजूदगी में अटके कई मामले

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Jul 7, 2019

विनोद शर्मा :  ग्वालियर महापौर के पद से विवेक शेजवलकर को त्यागपत्र दिए एक महीना हो गया है, लेकिन राज्य सरकार कार्यवाहक महापौर तय नहीं कर पाई है। इस कारण मेयर इन काउंसिल से मंजूर हो चुके निर्माता विक्रेताओं से ट्रेड लाइसेंस शुल्क और शहरवासियों से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन पर सुविधा शुल्क लेने के मामलों पर निर्णय नहीं हो पा रहा है। 

नगर परिषद में तय होंगे मामले
बता दें कि यह दोनों मामले निगम परिषद में तय होंगे, लेकिन महापौर की गैरमौजूदगी में परिषद की बैठक नहीं हो पा रही है। इस मामले पर पूर्व महापौर एवं ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का कहना है कि वह अपने स्तर पर शहर के विकास को लेकर बैठके कर रहे हैं लेकिन मध्य प्रदेश सरकार को इस विषय में गंभीरता से सोचना चाहिए ताकि जल्द कार्यवाहक महापौर की तस्वीर साफ हो सके और जरूरी अहम फैसले सही समय पर निर्णय के साथ शुरू हो सके।

महापौर के त्यागपत्र के बाद मेयर इन काउंसिल भंग
उन्होंने यह भी कहा वह इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार से भी चर्चा करेंगे। बता दें कि महापौर के त्यागपत्र के बाद मेयर इन काउंसिल भी भंग हो गई है इसलिए नए मामले एमआईसी में नहीं पहुंच पा रहे हैं। बीते दिनों जून के महीने में प्रदेश के नगरीय आवास एवं विकास मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा था कि ग्वालियर महापौर पद को लेकर जल्द ही फैसला ले लिया जाएगा लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका है।

विवेक नारायण शेजवलकर ने 5 जून को महापौर पद से दिया था त्यागपत्र
निगम विधान के अनुसार कार्यवाहक महापौर को राज्य सरकार निर्वाचित पार्षदों में से चुनेगी लेकिन सांसद चुने जाने के बाद विवेक नारायण नारायण शेजवलकर ने 5 जून को संभागीय आयुक्त बीएम शर्मा को महापौर पद से त्यागपत्र सौंप दिया था लेकिन अभी तक राज्य सरकार द्वारा कोई कार्यवाहक महापौर नियुक्त नहीं किया गया जिसके चलते ट्रेड लाइसेंस सुविधा शुल्क आउट सोर्स स्टाफ मार्केटिंग एजेंसी जैसे एवं फैसले अटके हुए हैं।