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ग्वालियर की स्वर्ण रेखा नदी में साफ पानी बनाने की कवायद शुरू, प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे लगभग सौ करोड़ रुपए

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Jun 26, 2019

विनोद शर्मा : ग्वालियर की स्वर्ण रेखा नदी में एक बार फिर साफ पानी बनाने की कवायद शुरू हो गई है। पानी के साथ ही नदी का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल किया जा रहा है। इसमें जल संसाधन, नगर निगम के साथ ही जिला प्रशासन शामिल होगा। 

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 4 बड़ी चुनौतियों पर करना होगा काम
कलेक्टर अनुराग चौधरी ने चारों विभागों को शामिल कर समिति बना दी है। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों का कहना है कि यदि सबकुछ ठीक रहा तो शहर के लिए यह एक और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट होगा। मीडिया से चर्चा करते हुए स्मार्ट सिटी सीईओ महीप तेजस्वी ने बताया इस प्रोजेक्ट के तहत चार बड़ी चुनौतियों पर काम करना होगा। इसमें पानी लाना, नदी में कचरा डालने से रोकना, सीवर का पानी रोकना तथा आसपास से अतिक्रमण हटाना शामिल है। इसीलिए कलेक्टर ने चार विभागों को शामिल किया है। नदी में साफ पानी के दो विकल्प हैं। 

सीईओ ने कही सौंदर्यीकरण की बात
पहला यह कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से फिल्टर पानी नदी में लाना और दूसरा हनुमान बांध, वीरपुर बांध, मामा का बांध, रायपुर बांधों से अतिक्रमण हटाना और उनका संरक्षण करना करना। ऐसा होने पर साफ पानी लाया जा सकता है। सीईओ ने कहा कि सभी बाधाएं दूर होने पर इसका सौंदर्यीकरण किया जा सकेगा। नदी में पानी लाकर नाव चलाने के नाम पर अब तक 85 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन सपना पूरा नहीं हो सका है।

सौ शहरों को स्मार्ट सिटी योजना में किया शामिल 
केन्द्र ने देश के सौ शहरों को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया था। इसमें ग्वालियर सहित प्रदेश के सात शहर शामिल हैं। ।मोतीमहल में लगभग 32 करोड़ की लागत से कमांड कंट्रोल सेंटर स्थापित हुआ है। इसमें पूरा सेटअप लग चुका है। अब लोकार्पण का इंतजार है। सीईओ ने बताया कि जल्द ही इसका लोकार्पण कराया जाएगा।