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हाउसिंग सोसायटी घोटाले मामले में घपलेबाजों की बढ़ीं मुसीबतें, कलेक्टर ने दिए आदेश

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Feb 13, 2020

विनोद शर्मा : ग्वालियर चंबल संभाग की गृह निर्माण समितियों यानि की हाउसिंग सोसायटी के घोटाले के मामले में कर्ता-धर्ता घपलेबाजों की मुसीबत और बढ़ने वाली है। कलेक्टर अनुराग चौधरी ने इस मामले में चल रही जांच में 19 और नई जानकारियां शामिल करने का आदेश जारी किया है। यह ऐसे 19 बिंदु हैं जिसमें गृह निर्माण समिति के दाएं-बाएं रहने वाले अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक का खाका शामिल हो जाएगा। इसको लेकर सहकारिता विभाग ने भी अपने अधिकारियों को यह 19 प्वाइंट जारी कर दिए हैं। वहीं सहकारिता विभाग के पास नियमों को तोड़ने के मामले में धारा 72 है। जिसके माध्यम से पहले सुनवाई का मौका दिया जाता है और फिर आधार न पाए जाने पर जेएमएफसी के यहां परिवाद पेश किया जाता है। विभाग इसको लेकर भी फॉलोअप कर रहा है। वहीं 10 गृह निर्माण समितियों की जांच सहकारिता विभाग ने पूरी कर ली है।

दरअसल गृह निर्माण समितियों के घपले के मामले में जिला प्रशासन की लगातार मॉनिटरिंग जारी है। जिसमें जांच अधिकारी एडीएम रिंकेश वैश्य जांच कर रहे हैं। सहकारिता विभाग ने गृह निर्माण समितियों के मामले में अलग अलग जांच दल बनाए हैं। जिसमें अलग अलग तरह की अनियमितताएं सामने आ रहीं हैं। वहीं गृह निर्माण समितियो की जांच के मामले में अभी तक नगर निगम की ओर से कोई इनपुट नहीं दिया गया है। यह हालत तब है जब जांच अधिकारी खुद नगर निगम को पत्र लिख चुके हैं और कलेक्टर व्यक्तिगत रूप से नगर निगम कमिश्नर सहित अधिकारियों से जानकारी मांग चुके हैं। अब कलेक्टर की ओर से नगर निगम कमिश्नर को लिखा जाएगा।

जांच में यह नई जानकारी देना अब जरूरी-

-बैंक खाते का विवरण।

-सदस्य संख्या जिनके द्वारा भूखंड भवन के लिए पूर्ण राशि जमा की जा रही है।

-सदस्य संख्या जिनके द्वारा भूखंड भवन के लिए आंशिक राशि जमा की जा रही है।

-पात्र सदस्यों की संख्या

-सोसायटी में उपलब्ध भूमि जहां भूमि स्थित है सर्वे,पटवारी हल्का,तहसील,पहचान स्थान

-भूमि शासकीय है अथवा निजी सोसायटी द्वारा खरीदी गई है।

-यदि भूमि निजी क्रय की गई है तो रजिस्ट्रीकृत व भुगतान की गई राशि

-आवासीय योजना का नाम

-भूमि उपयोग में परिवर्तन का आदेश क्रमांक और दिनांक

-कॉलोनाइजर लाइसेंस जारी करने वाले सक्षम प्राधिकारी

-विकास अनुज्ञा जारी करने वाले सक्षम प्राधिकारी,विकास अनुज्ञा का क्रमांक-दिनांक सहित 19 बिंदु शामिल है।