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स्वच्छता में चौका लगाने के लिए इंदौर नगर निगम की तैयारी शुरू

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Oct 29, 2019

दीपिका अग्रवाल : प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर स्वच्छता में लगातार 3 बार नम्बर 1 हैट्रिक लगा चुका है। इस बार स्वच्छता का चौका लगाने के लिए निगम ने जमीनी तौर पर तैयारी शुरू कर दी है। स्वच्छता के साथ इस बार निगम को आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए निगम ने विशेष प्रयास शुरू किया है। ये ही वजह है जो बिल कलेक्टर, राजस्व अधिकारी और सहायक अब तक जलकर और संम्पत्ति कर वसूल रहे थे, उन्हें अब एक नया टारगेट मिला है और ये टारगेट है निगम का आवासीय और व्यवसायिक क्षेत्रों में लाखों का कचरा संग्रहण शुल्क वसूलना,जो लंबे समय से बकाया है। 

डोर टू डोर कचरा कलेक्शन
दरअसल, शहर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की लगभग 75 प्रतिशत राशि बकाया है। जिसे वसूलने के लिए निगम ने सभी राजस्व अधिकारियों, सहायको और एनजीओ में कार्यरत कमर्चारियों को स्पष्ट निर्देश दिए है कि हर एक व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 30 घरों व प्रतिष्ठानो से कचरा संग्रहन शुल्क वसूले। 

इंदौर की जनता स्वच्छता को लेकर जागरूक
निगम अपर आयुक्त एस. कृष्ण चैतन्य का कहना है कि इंदौर की जनता स्वच्छता को लेकर जागरूक है और इंदौर निगमायुक्त के आदेश के बाद राजस्व की टीम प्रयास में जुट गई है। यदि एक व्यक्ति द्वारा 30 से कम स्थानों से वसूली हुई तो कर्मचारी का वेतन जारी नही किया जाएगा। इंदौर में कुल बिल कलेक्टर, राजस्व अधिकारियों, सहायको सहित कुल 301 कर्मचारियों व अधिकारियों को काम सौंपा गया है जो प्रतिदिन कम से कम 9 हजार घरों और प्रतिष्ठानों से वसूली करेंगे। वही निगम द्वारा आवासीय से 120 रुपए और व्यवासायिक प्रतिष्ठानो से 200 रुपए के हिसाब से वसूली की जाना है। हालांकि इस टारगेट को लेकर निगम का राजस्व अमला मैदान में उतर चुका है और कचरा प्रबंधन शुल्क वसूलना उनके लिए बड़ी चुनौती भी होगा जिसे लेकर संशय बरकरार है।