Aug 3, 2025
डिजिटल दर्शन से बढ़ी आस्था, अब हर उम्र के लिए हुआ आसान
मंदिर की घंटियाँ अब ऑनलाइन बजती हैं
जहाँ पहले मंदिर की आरती देखने के लिए लंबी कतारों में खड़े रहना पड़ता था, अब वही आरती बस एक क्लिक पर देख सकते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मंदिर चाहे वो काशी विश्वनाथ हो, या कोई छोटा सा शिवालय अब इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अपनी दैनिक पूजा और आरती लाइव दिखा रहे हैं। हर सुबह की मंगला आरती, दोपहर की भोग सेवा, और रात की शयन आरती अब सब कुछ मोबाइल स्क्रीन पर उपलब्ध है और ये सिर्फ़ दर्शन नहीं, लोग कमेंट करके “हर हर महादेव” भी बोलते हैं और भक्ती के नए तौर-तरीकों से रूबरू होते हैं।
बुज़ुर्गों के लिए नई आस्था की राह
हर दिन मंदिर जाना हर किसी के लिए संभव नहीं, खासकर उन बुज़ुर्गों के लिए जो चलने में असमर्थ हैं, अकेले रहते हैं या गाँव से शहर नहीं आ सकते। ऐसे बूढ़े श्रृद्धालुओं के लिए ऑनलाइन दर्शन किसी चमतकार से कम नहीं है। अब वह घर बैठे ही देश विदेश के प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन कर पाते हैं। डिजिटल पूजा उनके लिए मन की शांति और भक्ति का नया दरवाज़ा बन गई है।कुछ मंदिर अब वीडियो कॉल पर भी पंडित से पूजा करवा रहे हैं, और व्हाट्सऐप पर “आज की आरती” जैसे अपडेट भेज रहे हैं।
सावन में सोशल मीडिया बना भक्ति का नया घाट
श्रावण मास में जब शिवभक्ति अपने चरम पर होती है, यही डिजिटल प्लेटफॉर्म बन जाते हैं करोड़ों भक्तों के लिए भक्ति की गंगा। सोमवार की सुबह लोग अब मेट्रो या ऑफिस में भी अपने फोन में श्री महाकाल की आरती देख लेते हैं। छोटे-छोटे वीडियो में मंदिर “आज का विशेष भोग”, “सावन कथा”, और “रुद्राभिषेक लाइव” जैसी चीज़ें पोस्ट करते हैं, जिससे घर बैठे भी मन पवित्र हो जाता है। यह सिर्फ़ सुविधा नहीं, यह भक्ति का नया रूप है।
जहाँ एक ओर टेक्नोलॉजी को अक्सर व्यस्तता और दूरी का कारण माना जाता है, वहीं अब वही टेक्नोलॉजी भक्ति को नज़दीक ला रही है।