Sep 7, 2025
महाकाल मंदिर का भरा खजाना: सावन-भादौ में रिकॉर्ड दान
उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में इस वर्ष सावन-भादौ के पवित्र मास में भक्तों की अपार श्रद्धा ने नया इतिहास रचा है, जहां 39 दिनों में 30 करोड़ रुपये का दान प्राप्त हुआ और 1.25 करोड़ से अधिक भक्तों ने दर्शन किए।
भक्तों की भारी संख्या और दैनिक दर्शन
महाकाल मंदिर में इस बार भक्तों का सैलाब उमड़ा, जहां कुल 1.25 करोड़ श्रद्धालु बाबा के चरणों में नतमस्तक हुए। औसतन प्रतिदिन 3.20 लाख से अधिक लोग दर्शन के लिए पहुंचे, जो पिछले वर्षों से काफी अधिक है। 2023 में मात्र 99 लाख और 2024 में 90 लाख भक्त आए थे, लेकिन 2025 ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह वृद्धि महाकाल लोक परियोजना के बाद सुविधाओं के बेहतर होने से संभव हुई, जिससे दूर-दराज से भक्त आकर्षित हो रहे हैं। दान की दृष्टि से भी हर दिन औसतन 75 लाख रुपये की राशि एकत्र हुई, जो मंदिर की आस्था को दर्शाती है।
दान का ऐतिहासिक रिकॉर्ड और लंबी अवधि की वृद्धि
इस सावन-भादौ में 30 करोड़ का दान पूर्व के 23 करोड़ के आंकड़े को पीछे छोड़ गया, नया मानक स्थापित करते हुए। भक्तों ने नकद, सोना-चांदी और अन्य भेंटों से खजाना भरा। पिछले सात वर्षों में कुल 1 अरब से अधिक का दान जमा हो चुका है, विशेषकर 2019 से 2025 के बीच 1.70 अरब रुपये की उछाल देखी गई। पहले 2018-2021 में प्रतिदिन 40-50 हजार भक्त आते थे, लेकिन अब यह संख्या 90 हजार से एक लाख तक पहुंच गई। दान-पेटियां, टिकट और प्रसाद बिक्री से आय बढ़ी, जबकि अतिरिक्त सेवाओं से अलग राजस्व आता है। यह राशि मंदिर के विकास, सुरक्षा और भक्त सुविधाओं में लगाई जाती है।
उज्जैन की धार्मिक अर्थव्यवस्था में उभार
महाकाल मंदिर की लोकप्रियता से उज्जैन एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल बन गया है। भक्तों की बढ़ती संख्या ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया, होटल, परिवहन और व्यापार में उछाल आया। महाकाल लोक के बाद यह प्रक्रिया तेज हुई, जिससे शहर की आय में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई। भविष्य में और विकास की योजनाएं बन रही हैं, जो आस्था और आर्थिक समृद्धि का संगम दर्शाती हैं।