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मानसिक प्रताड़ित ​होकर छात्रा ने की आत्महत्या, पुलिस प्रशासन की लापरवाही!

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Feb 17, 2018

जबलपुर। जबलपुर के पनागर थाना क्षेत्र में रहने वाली १०वी कक्षा की १६ वर्षीय स्कूली छात्रा ने छेड़छाड़ से परेशान हो कर कीट नाशक पीकर अपनी जिदंगी खत्म करदी। किशोरी द्वारा आरोपी के खिलाफ पनागर थाने में नामजद रिपोर्ट किये जाने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। आपको बता दें कि शिकायत के बावजूद आरोपी लगातार किशोरी को फोन पर परेशान कर रहा था। वहीं एक हफ्ते तक निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही किशोरी ने देर रात अपना दम तोड दिया।
 
गौरतलब है कि जबलपुर में एक बार फिर पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आयी जिसकी वजह से एक १०वी कक्षा की छात्रा को आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाना पड़ा। दरसल पनागर की रहने वाली १६ वर्षीय छात्रा को लम्बे समय से एक युवक लगातार स्कूल आते जाते फोन पर परेशान कर रहा था जिससे छात्रा मानसिक रूप से बेहद परेशान हो गई और ड़र के कारण लम्बे समय तक पीड़िता ने अपने परिवार को भी इस बारे में कुछ भी नहीं बताया। लेकिन जब आरोपी युवक के द्वारा उसे हद से ज्यादा परेशान किया जाने लगा तो उसने बात अपने परिजनों को बताई जिसके बाद करीब १५ दिन पहले परिवार के साथ पीड़िता ने पनागर थाने में आरोपी खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज़ कराई।

लेकिन रिपोर्ट दर्ज़ करने के बाद भी पुलिस ने मामले में कोई कार्यवाही नहीं की इसी दौरान आरोपी के द्वारा मृतिका को लगातार परेशान किया जाता रहा शिकायत के बाबजूद भी आरोपी पर कार्यवाही नहीं होने और आरोपी द्वारा लगातार प्रताड़ित किये जाने से परेशान छात्रा ने एक सप्ताह पूर्व घर में रखा कीट नाशक पी लिया जिसके बाद उसे गंभीर हालत में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लगातार ६ दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच झूल रही छात्रा ने देर रात अस्पताल में दम तोड़ दिया।

वही मामले में जब पुलिस अधिकारियों से मीडिया जानकारी लेने पहुंची तो संयोग से पुलिस कंट्रोल में जिले भर के पुलिस अधिकारी महिला अपराध रोकधाम को लेकर सेमीनार में व्यस्त थे। पनागर थाने के थाना प्रभारी का कहना है की इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है वही एक आरोपी फरार है आरोपियों के द्वारा किशोरी को तीनो से फोन पर बात करने का दबाब डाला जाता था और किशोरी को धमकिया भी दी जाती थी इसी के चलते ​किशोरी ने आत्मघाती कदम उठा लिया। 

वही पुलिस का ये भी कहना है मृतिका या उसके परिजनों के द्वारा पूर्व में आरोपियों के खिलाफ कोई भी शिकायत नहीं की गयी मृतिका से मृत्यु पूर्व हुए बयान के दौरान ही आरोपियों द्वारा प्रताड़ित करने की बात सामने आई जिसके बाद पुलिस ने अंसुल सोनी भानु सेन को गिरफ्तार कर लिया है वही आशीष राजवार नाम का आरोपी अभी फरार है 

इस मामले में परिजनों का कहना है की मृतिका की एक सहेली के जरिये आरोपी ने उसका मोबाइल नंबर हासिल किया था मामले में शिकायत के बावजूद भी पुलिस ने कार्यवाही नहीं की जिसके कारण आज उनके परिवार के बेटी को आत्मघाती कदम उठाना पड़ा अगर पुलिस समय रहते कार्यवाही करती तो शायद उनकी बेटी आज उनके बीच होती।

इस पूरे मामले में पुलिस पूर्व की कोई शिकायत दर्ज़ न होने का दावा कर रही है। वहीं परिजनों का साफ़तौर पर कहना है कि मामले में पहले पनागर थाने में शिकायत की गयी थी। दोनों पक्षों के बयान और दावे सुनने के बाद साफ़ है की या तो मामले में परिजन झूठ बोल रहे है या पुलिस। वहीं सवाल यह उठता है कि महिला अपराध को रोकने में जुटी पुलिस के कानून का खौफ अपराधियों पर दिखाई क्यों नहीं दे रहा है।