Aug 13, 2024
किताबें खरीदने का आदेश जारी, लेकिन कांग्रेस ने किया विरोध
मध्य प्रदेश के कॉलेजों में आरएसएस विचारकों द्वारा लिखी गई किताबें पढ़ाई जाएंगी. उच्च शिक्षा विभाग ने सभी कॉलेजों को ये किताबें शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में जारी एक पत्र के अनुसार कॉलेजों को भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ (भारत के पारंपरिक ज्ञान को प्रदान करने के लिए प्रकोष्ठ) स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं. कॉलेजों को प्रकोष्ठ के लिए किताबें खरीदने के लिए कहा गया है. उच्च शिक्षा विभाग ने पत्र के साथ किताबों की एक सूची भी संलग्न की है. सूची में 88 किताबें हैं जिन्हें कॉलेजों को खरीदना है. सरकारी कॉलेजों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से जुटाए गए धन से भुगतान करना होगा, और निजी संस्थानों को अपने स्वयं के धन का उपयोग करना होगा.
जिन लेखकों की किताबें सूची में शामिल की गई हैं, उनमें आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सोनी, अतुल कोठारी, दीनानाथ बत्रा, देवेन्द्र राव देशमुख, इंदुमती काटदरे, कैलाश विश्वकर्मा, गणेशदत्त शर्मा, सतीचचंद्र मित्तल, संदीप वासलेकर, बीजी उनकालकर, वीके गुप्ता शामिल हैं. देवी प्रसाद शर्मा, हरिशंकर शर्मा, बजरंगलाल गुप्ता, राकेश भाटिया और वासुदेव शरण अग्रवाल भी शामिल है.
कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने उच्च शिक्षा विभाग के आदेश का विरोध किया है. मिश्रा के अनुसार जिन लेखकों की पुस्तकों को सूची में शामिल किया गया है, उनका शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं है, वे एक विचारधारा के प्रति समर्पित हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के अनुसार छात्रों का ज्ञान बढ़ाने वाली पुस्तकें निर्धारित की गई हैं. शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में वामपंथी विचारधारा और हमलावरों से जुड़ी पुस्तकें पढ़ाई जाती थीं. हालांकि, उच्च शिक्षा विभाग ने कांग्रेस के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.