Nov 8, 2025
एमपी पुलिस की अनोखी ट्रेनिंग: रामचरितमानस के बाद अब गीता से मिलेगी कर्तव्य की प्रेरणा
मध्य प्रदेश पुलिस अब सिर्फ हथियार नहीं, बल्कि आत्मा को भी मजबूत बना रही है! भोपाल मुख्यालय के निर्देश पर प्रदेश के आठ ट्रेनिंग सेंटर्स में नवआरक्षकों को भगवद्गीता का पाठ अनिवार्य कर दिया गया है। जुलाई में शुरू हुए रामचरितमानस के सामूहिक पाठ के बाद अब गीता की अमर वाणी से कांस्टेबलों में अनुशासन, चरित्र और कर्तव्यनिष्ठा का संचार होगा। ADG (प्रशिक्षण) राजा बाबू सिंह ने कहा, "गीता शाश्वत जीवन दर्शन है – यह सिखाएगी कि डर के बिना, मोह के बिना, सच्चाई के साथ ड्यूटी निभानी है।" पवित्र मार्गशीर्ष माह में ध्यान से पहले कम से कम एक अध्याय का पाठ होगा, ताकि रंगरूटों का मन शुद्ध और दृढ़ बने।
गीता का संदेश: पुलिस की ड्यूटी में कर्मयोग
ADG ने स्पष्ट किया कि गीता न सिर्फ आध्यात्मिक, बल्कि प्रैक्टिकल गाइड है। "कर्मण्येवाधिकारस्ते" – सिर्फ कर्तव्य पर फोकस, फल की चिंता नहीं। इससे पुलिसकर्मी तनाव, भ्रष्टाचार और डर से मुक्त होकर जनसेवा करेंगे। पहले रामायण से वनवास की धैर्य प्रेरणा दी गई, अब गीता से युद्धक्षेत्र में भी शांत मन की सीख।
आठ सेंटर्स, 4000 रंगरूट: चरित्र निर्माण का महाअभियान
रीवा, उमरिया, पचमढ़ी, इंदौर, उज्जैन, भौंरी-भोपाल, तिघरा-ग्वालियर और सागर के ट्रेनिंग सेंटर्स में 4000 पुरुष-महिला नवआरक्षक 9 महीने की बेसिक ट्रेनिंग ले रहे हैं। सुबह PT के बाद अब शाम को ग्रंथ पाठ। इससे अनुशासन बढ़ेगा, मानसिक ताकत आएगी और पुलिस की छवि 'जनता की दोस्त' बनेगी।
भविष्य का विजन: नेक पुलिस, मजबूत समाज
यह पहल सिर्फ ट्रेनिंग नहीं, बल्कि पुलिस सुधार की क्रांति है। जब कांस्टेबल गीता पढ़कर मैदान में उतरेगा, तो अपराधी डरेगा और जनता भरोसा करेगी। एमपी पुलिस का यह कदम पूरे देश के लिए मिसाल बनेगा।








