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MP : 2028 सिंहस्थ की तैयारीयां शुरु , मुख्यमंत्री ने कहा - उज्जैन को हरिद्वार की तरह एक धार्मिक शहर के रूप में विकसित किया जाएगा

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Oct 22, 2024

सोमवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की कि, हरिद्वार की तर्ज पर, संतों, ऋषियों, महंतों, अखाड़ा प्रमुखों और महामंडलेश्वर को उज्जैन में स्थायी आश्रम बनाने की अनुमति दी जाएगी.

Ujjain : सिंहस्थ की तैयारियों से संबंधित प्रेस कॉन्फ्रेंस में, जो सिंहस्थ मेला कार्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित की गई, CM यादव ने इन स्थायी आश्रमों की स्थापना को एक महत्वपूर्ण योजना बताया, जिसे उज्जैन विकास प्राधिकरण के माध्यम से लागू किया जाएगा. 

सिंहस्थ के आयोजन के लिए, सड़कों, बिजली, पेयजल और नाले जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए स्थायी बुनियादी ढांचा भी विकसित किया जाएगा, ताकि अस्थायी निर्माण से होने वाली समस्याओं से बचा जा सके. उन्होंने कहा कि उज्जैन को हरिद्वार की तरह एक धार्मिक शहर के रूप में विकसित करने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों के सहयोग से एक कार्य योजना बनाई गई है. 

स्थायी बुनियादी ढांचे के विकास में कई फोरलेन और सिक्स लेन पुलों का निर्माण किया जाएगा. मूलभूत सुविधाओं के सुधार के साथ-साथ संतों के आश्रमों का निर्माण भी समानांतर रूप से किया जाएगा. इसके अलावा, सार्वजनिक सेवाओं जैसे अन्न क्षेत्र, धर्मशाला, आश्रम, चिकित्सा केंद्र और आयुर्वेद केंद्रों की स्थापना में भी प्राथमिकता दी जाएगी, जिसे समाज के इच्छुक सनातन धर्म अनुयायियों द्वारा संचालित किया जाएगा. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारी प्राथमिकता है कि हमारे धार्मिक नेता सभी देव स्थलों का दौरा करें.  संतों को 5 बिघा के प्लॉट में से केवल एक बिघा पर आश्रम बनाने की अनुमति दी जाएगी, जिससे शेष 4 बिघा क्षेत्र खुला रहेगा, जिसमें पार्किंग और अन्य व्यवस्थाओं के लिए पर्याप्त जगह होगी. 

यह अनुमति केवल संतों, महंतों, अखाड़ा प्रमुखों और महामंडलेश्वर को दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उज्जैन-इंदौर सिक्स-लेन परियोजना के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और उज्जैन-जाेरा ग्रीन फील्ड फोर लेन सड़क का भूमिपूजन जल्द ही किया जाएगा. इसके अलावा, इस बड़े योजना के तहत इंदौर, उज्जैन, धार, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर का विकास किया जाएगा.

विकास कार्य उज्जैन की धार्मिक मूल प्रकृति को ध्यान में रखते हुए किए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इंदौर-उज्जैन मेट्रो ट्रेन के संचालन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी भी दी गई है. एक सर्कुलर वंदे मेट्रो ट्रेन भी उज्जैन, देवास, फतेहाबाद और इंदौर को जोड़ते हुए चलायी जाएगी, जिसकी गति मानक मेट्रो से ज्यादा होगी. 

रेल मार्ग के साथ-साथ उज्जैन के सभी मार्गों को भी मजबूत किया जा रहा है. उज्जैन से शुरू होने वाले सभी मार्ग फोर-लेन बनाए जाएंगे. अभी एयरस्ट्रिप को भी अपग्रेड किया जाएगा और तकनीकी रूप से एक एयरपोर्ट में परिवर्तित किया जाएगा, ताकि उज्जैन को 12 महीनों तक एयर ट्रैफिक की सुविधा मिल सके. 

Report By:
Devashish Upadhyay.