Nov 1, 2018
संजय लोधा - कभी राज्य स्तरीय फुटबाल खिलाड़ी रहे को अपनी प्रतिभा को निखारने की दिशा मे किसी सरकार या प्रशासन द्वारा कोई सहयोग नही मिला जिसके चलते प्रतिभा दब गई और जो समय उन्होने अपने समय खेल के प्रति दिया उसका लाभ नही मिलने से उसे वापस पुश्तेनी काम करना पड रहा है। जिससे वह अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम कर पा रहा है।
यह मामला है पेटलावद के चिमनलाल का विपरीत परिस्थतियो से झूझ रहे चिमन का कहना है की मुझे आज तक अपने खेल के नाम पर कोई सहायता या प्रोत्साहन नही मिला और न ही किसी योजना का लाभ आज तक मिल पाया है मैनें अपने पढाई का समय फुटबाल खेलने मे बिताया चिमन अपने परिवार के पालन पोषण के लिए मिट्टी के बर्तन बनाता है और इन बर्तनो को ग्रामीण क्षेत्रो मे आदिवासीयो को मिट्टी के बर्तन, दिए, और सामग्री देते है जिसके बदले उसे अनाज व अन्य सामान मिलता है जिससे परिवार का पालन पोषण हो रहा है।