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कोर्ट के फैसले के बाद राजधानी में प्रदर्शन जारी, दुकानें कराईं बंद, ट्रेन पर लगाया विरोध का झंडा

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Apr 2, 2018

भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति एससी-एसटी एक्‍ट से संबंधित एक अहम और बड़ा फैसला दिया है। ईमानदार सरकारी अधिकारियों को इस एक्‍ट के जरिये झूठे केसों में फंसाने से संरक्षण देने की बात कहते हुए एक्‍ट के प्रावधानों को नरम कर दिया गया है।

कोर्ट का मानना है...

कोर्ट का यह मानना था कि कई लोग इस एक्‍ट का इस्‍तेमाल ईमानदार सिविल सेवकों को ब्‍लैकमेल करने के लिए और झूठे मामले में फंसाने के इरादे से भी कर रहे हैं, इसलिए इस कानून के जरिये तत्‍काल गिरफ्तारी के प्रावधान को कोर्ट ने नरम कर दिया, लिहाजा इसके खिलाफ देश भर के दलित संगठन सड़कों पर उतर आए हैं।

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी दलित संगठन के हज़ारों लोगों ने भारत बंद के दौरान अलग अलग जत्थों में दुकानें बंद करवाई। भीम सेना और दलित संगठन के पदाधिकारियों ने व्यापारियों का भारत बंद में सहयोग करने को लेकर आभार व्यक्त किया है, वहीं लोगों से भी शांति पूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की।

पुलिस बल सक्रिय...

हालांकि, प्रदेश के भिंड ग्वालियर सहित कई जगह हुई हिंसक घटनाओं को देखते हुए पुलिस भी भारी संख्या में मौजूद थी। पुराने शहर के चौक बाजार में आंदोलनकारी दुकानें बंद करवाने पहुंचे। एएसपी राजेश सिंह भदौरिया ने लोगों से शांति की अपील करते हुए स्थानीय लोगों को पूरी सुरक्षा प्रदान करने और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की बात कही है।

ट्रेन रोकने पहुंचे हबीबगंज स्टेशन...

वहीं राजधानी के अतिव्यस्त बोर्ड ऑफिस चौराहे पर हजारों की संख्या में लोग जमा हो गये दुकानें बंद कराईं और फिर कुछ आंदोलन कारी हबीबगंज रेल्वे स्टेशन पहुंचे और ट्रेन रोकने के लिये जैसे ही हबीबगंज रेल्वे स्टेशन की ओर बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। हालांकि आंदोलन कारियों में से पुलिस ने दो तीन लोगों को साथ लिया औऱ हबीबगंज रेल्वे स्टेशन के अंदर ले गई। प्लेटफॉर्म नम्बर तीन पर कुशीनगर एक्सप्रेस ट्रेन के पीछे विरोध का झंडा बांध दिया गया, और जिसके बाद वह वापस आ गए। ये सब पुलिस ने इस लिये करवाया कि कोई तोड़ फोड़ ना हो और आंदोलन कारियों का विरोध भी पूरा हो जाए।