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108 में ही हुई महिला की डिलेवरी, जिला चिकित्सालय की बड़ी लापरवाही

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Aug 10, 2018

राजेंद्र शर्मा : मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के जिला अस्पताल की लाफरवाही का मामला सामने आया है। कई बार विवादों में रहा राजगढ़ जिला अस्पताल डॉक्टरों व कर्मचारी की लापरवाही के चलते कई बार हादसों का शिकार हुए मरीज मगर इन जिम्मेदार पर कार्यवाही नही होती है जिला अस्पताल हिने के नाते यह करोड़ो रूपये की लागत से ड्रामा सेंटर निमिर्त है मगर मरीजो को सुविधाओ से कोसो दूर रखा जकर लाभ नही मिल पाता कभी डॉक्टर नही है ,तो कही मशीने खराब है , गर्वभती महिला की सोनोग्राफी के लिए कई बार अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ते है कभी डॉक्टर नही तो कभी मशीन खराब है इन सभी समस्यओं का सामना मरीजो को करना पड़ाता है इन जिम्मेदार डॉक्टर व कर्मचारी की लापरवाही के चलते मरीज मोत की भेट तक चढ़ चुके है मगर कार्यवाही के नाम पर वरिष्ठ अधिकारियों का घीसा पीटा जवाब जांच करवाते है । कब तक मरीजो की इन लापरवाही का भेट चढ़ाना होगा और कब सोया हुआशासन - प्रसासन जागेंगे ये तो भगवान भरोसे है।

ऐसा ही मामला फिर प्रकाश में आया जहां डॉक्टर व कर्मचारियों ने एक गर्वभती महिला की डिलिवरी को गम्भीर बताकर भोपाल रेफर कर दिया इन जिम्मेदार की पोल जब खुली जब महिला की डिलिवरी 108 में हो गई और जच्चा बच्चा स्वस्थ है।

जानकारी अनुसार राजगढ़ जिला अस्पताल से एक प्रसूता को क्रिटकल डिलवेरी और ऑपरेशन का बताकर 108 से भोपाल के सुल्तानिया रेफर कर दिया। लेकिन रास्ते में कुरावर और नरसिंहगढ़ के बीच महिला को तकलीफ हुई तो 108 स्टाफ ईएमटी अखिलेश वर्मा ने ही चलती 108 में ही महिला की डिलेवरी करा दी। इसके बाद जानकारी के अनुसार बाल चीड़ी निवासी संतरा बाई नाम की गर्भवती महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन डॉक्टरों बच्चें के गले में आंटा बताकर भोपाल रेफर कर दिया। इसी बीच रास्तें में डिलवेरी हो गई। जिला चिकित्सालय की यह बड़ी लापरवाही सामने आई है यदि बीच रास्ते में गर्भवती महिला वा उसके नवजात बच्चों को यदि कुछ हो जाता तो जी जिला चिकित्सालय पर जबरन मरीजों को रेफर करने बाद में प्राइवेट अस्पतालों में सामान्य डिलीवरी होने के मामले  प्रकाश में आते हैं कई बार पीड़ितों ने स्वास्थ्य प्रशासन से लेकर प्रशासन से भी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई ना हुई।