Sep 3, 2019
अमित निगम : रतलाम में आज से 10 दिवसीय गणेश उत्सव का आगाज हो चुका है। हर घर गणेश प्रतिमा स्थापित के साथ शहर के प्राचीन मंदिरों पर धूमधाम से गणेश उत्सव मनाया जा रहा है रतलाम शहर में डेढ़ सौ से अधिक गणेश प्रतिमा के पांडाल बने हुए हैं।
ऊकाला गणेश मंदिर की मान्यताएं...
आज हम आपको रतलाम राजवंश कालीन व रतलाम स्थापना से पुर्व 363 वर्ष पुराना ऊकाला गणेश मंदिर से अवगत कराएंगे। शहर का अति प्राचीन ऊकाला गणेश मंदिर जहां अति प्राचीन व सिद्ध प्रतिमा स्थापित है। शहर के मध्य ऊकाला रोड पर स्थित एकमात्र जल स्त्रोत बावड़ी थी जहां तीनो कुंड से पानी उबला हुआ निकलता था जहां से यह प्रतिमा खुदाई के दौरान निकली इसी कारण इस मंदिर का नाम ओकाला गणेश पड़ गया कुंड व वटवृक्ष के निचे स्थापित 11 फीट ऊंची यह प्रतिमा अपने आप में विचित्र है।
यहां आकर सारी मनोकामनाएं हो जाती हैं पूर्ण
रतलाम जिला ही नहीं पूरे मालवा क्षेत्र की एक मात्र 11 फीट की यह खड़ी प्रतिमा है जिसे ऊकाला गणेश के नाम से जाना जाता है यह प्रतिमा सिद्ध चमत्कारी है यहां लोगों की हर मनोकामना पूर्ण होती है मन्नत मांगने वाले श्रद्धालु सच्ची श्रद्धा से यहां मंदिर प्रांगण में धागा (लच्छा ) बांधकर मनोकामनाएं मांगते हैं जो पूर्ण भी होती है। मगर आज भगवान भी महंगाई की मार झेल रहे हैं प्रतिवर्ष यहा गणेश चतुर्थी पर सोने वर्क से विशेष श्रंगार किया जाता रहा है। गत वर्ष गणेश चतुर्थी पर सोने का भाव 31000 प्रति 10 ग्राम था अभी वर्तमान भाव 38,400 से अधिक 10 ग्राम है वहीं चांदी के भाव 46000 रूपये प्रति किलो है ऐसे में इस बार भगवान गणेश का विशेष श्रृंगार चांदी के वर्क से किया गया है। आज इस मंदिर की सारी व्यवस्था स्वर्णकार समाज संभालता है।