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स्कूल छात्रों का ड्रेस घोटाला: फटे-पुराने कपड़े पहन कर स्कूल जाने को मजबूर छात्र-छात्राएं

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Feb 20, 2019

गणेश विश्वकर्मा : मध्यप्रदेश के पन्ना में गणवेश (ड्रेस ) के इंतजार में शासकीय प्राथमिक पाठशाला के 81 हजार 291 छात्र बैठे हुए है। सत्र खत्म होने को है लेकिन बच्चे अभी तक गणवेश से वंछित है। पन्ना जिले के एक हजार 627 स्कूलों के ये नौनिहाल बच्चे फटी-पुरानी गणवेश पहनने के लिए मजबूर है। पन्ना जिले के माध्यमिक खंड ओर प्राथमिक खंड के दो हजार 341 स्कूलों के कुल एक लाख 27 हजार 940 बच्चों को योजना के अनुसार गणवेश वितरण होना था। उसमे से माध्यमिक खंड के 46 हजार 4649 बच्चों के खाते में सीधे राशि डालनी थी,जो डाल दी गयी है। परंतु प्राथमिक खंड के सभी 81 हजार 291 बच्चों को गणवेश आजीविका मिशन द्वारा तैयार कर बांटी जानी थी। लेकिन गुणवत्ता परीक्षण के चक्कर में अब तक प्राथमिक खंड के  किसी भी बच्चे को गणवेश नही बांटी जा सकी। 

परीक्षण में ड्रेसों का सैम्पल फेल
बता दें कि ग्रामीण आजीविका मिशन एक ऐसी संस्था है जो ग्रामीण इलाकों में समूह बनाकर समूहों को काम देती है। इसी को लेकर प्रशासन से आजीविका मिशन ने स्कूली ड्रेस का कॉन्ट्रेक्ट लिया और समूहों द्वारा ड्रेस बनवाई जाने थी लेकिन जानकारी के मुताबिक आजीविका मिशन के अधिकारियों द्वारा इस कॉन्ट्रेक्ट में सीधे फायदे के चक्कर मे ड्रेसों को खरीद कर स्कूलों में बांटने का प्लान तैयार किया लेकिन यह प्लान कामयाब नही हो सका और तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ गिरीश मिश्रा ने ड्रेसों को परीक्षण के लिए आदेश दिया और परीक्षण भी कराया गया। लेकिन परीक्षण में ड्रेसों का सैम्पल फेल हो गया। तब से लेकर अभी ये ड्रेसों का वितरण नही हो पा रहा है और आजीविका मिशन के अधिकारियों द्वारा सैटिंग की जा रही है कि अब किसी प्रकार उसी ड्रेसों का वितरण कर दिया जाए। लेकिन अब सत्र समाप्त होने की कगार पर है और देखने वाली बात होगी कि क्या जिला प्रशासन आजीविका मिशन के इस घोटाले पर क्या कार्यवाही करता है ।

कपड़े फटे होने के कारण बच्चों को होती है शर्मिंदगी
स्कूलों में गणवेश मिली कि नहीं इसके हकीकत जानने के लिए हम शासकीय प्राथमिक शाला गहरा पहुंचे तो स्कूल में मौजूद बच्चे बिना ड्रेस के पढ़ रहे थे। लेकिन यह किसी भी बच्चे को ड्रेस नही मिली। इतना ही नही गणवेश न मिलने से अभिभावक भी बार-बार बच्चों को या तो स्कूल नही भेजते या कपड़े फटे होने के कारण गरीब बच्चो को भी स्कूल जाने में शर्मिंदगी महसूस होती है।

जल्द ही मिलेगी बच्चों को ड्रेस
जब इस पूरे मामले में पन्ना कलेक्टर से बात की गई तो उनका कहना था कि माध्यमिक खंड के बच्चों के खाते में राशि डाल दी गयी है, जिसमे से कई बच्चों ने खरीद भी ली है। लेकिन आजीविका मिशन से बनाई जाने वाली ड्रेस की गुणवत्ता परीक्षण के कारण लेट हो रहे है। जल्द ही बच्चो को ड्रेस वितरित कर दी जायेगी।