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Smart City Project/शहर की स्ट्रीट लाइट को एलईडी में बदलने की निगम की योजना नाकाम

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Jul 7, 2020

दीपिका अग्रवाल : इंदौर में मास्टर प्लान और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर भर की स्ट्रीट लाइट्स को एलईडी में बदलने की निगम की योजना फिलहाल साकार होती नजर नहीं आ रही है, क्योंकि शहर में एलईडी लाइट लगाने के लिए कोई भी कम्पनी आगे नहीं आ रही है। आश्चर्य की बात तो यह है कि दो बार से ज्यादा टेंडर बुलाने के बावजूद अब तक किसी भी कंपनी ने पीपीपी मॉडल पर लगाई जाने वाली स्ट्रीट लाइट्स को बदलने में कोई रूचि ही नहीं दिखाई है।

20 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइट्स बदली
दरअसल, इंदौर नगर निगम ने शहरभर में लगी लगभग 40 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइट्स को बदल कर एलईडी लाइट लगाने की योजना तैयार की है, साथ ही पिछले परिसीमन के बाद इंदौर में शामिल हुए 29 गांव वाले क्षेत्रों में भी स्मार्ट लाइट्स लगाई जाएगी, ताकि निगम के बिजली खर्चे में बड़ी बचत की जा सके। 

नई ठेकेदार कंपनी की तलाश में नगर निगम
पीपीपी मॉडल पर स्ट्रीट लाइट को एलईडी में बदलने के संबंध में निगम पहले सिटीलूम और मोचिब टेक्नोलॉजी दो कंपनियों को ठेका दे चुका है लेकिन एक के बाद एक दोनों ही कंपनियां इस मामले में असफल साबित हुई है। कुछ ही प्रमुख मार्गों पर लाइट्स में बदलाव के बाद लापरवाही की वजह से दोनों ही कम्पनियों को निगम ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था, जिसके बाद से ही निगम के जिम्मेदार नई ठेकेदार कम्पनी की तलाश कर रहे हैं। निगम में इसके लिए 2 से ज्यादा बार टेंडर निकाले जा चुके हैं लेकिन कोई भी ठेकेदार कम्पनी इस काम के लिए रुचि नहीं दिखा रही है। 

इंदौर नगर निगम का बिजली खर्च 4 करोड़ रूपये प्रतिमाह
निगम के टेंडर के मुताबिक जो कंपनी शहर में एलइडी लाइट्स लगाएगी, उसे 7 साल तक उसका मेंटेनेंस भी करना होगा। इंदौर नगर निगम का बिजली खर्च लगभग 4 करोड रुपए प्रति माह से अधिक आता है ऐसे में निगम पीपीपी मॉडल पर इस योजना को लागू करने की कवायद कर रहा है, ताकि निगम को आर्थिक फायदा पहुंच सके, लेकिन किसी भी कंपनी के रुचि न दिखाने के बाद अब निगम ने अपने टेंडर प्रस्ताव में ही बदलाव का निर्णय ले लिया है। 

जल्द ही स्ट्रीट लााइट्स को एलईडी में बदला जायेगा...
निगम आयुक्त प्रतिभा पाल का कहना है कि निगम अपने टेंडर की शर्तों को रिवाइज कर रहा है और कुछ कंपनीज के अधिकारियों के साथ बैठकर यह देखा जाएगा कि आखिर कंपनियों को टेंडर के दौरान कौन सी दिक्कतें आ रही है, जिसकी वजह से कोई भी कंपनी इसमें रुचि नहीं दिखा रही है। टेंडर की शर्तों को रिवाइज करने के बाद जल्द ही पीपीपी मॉडल पर शहर में स्ट्रीट लाइट्स को एलईडी में तब्दील किया जाएगा।