Loading...
अभी-अभी:

निर्भया गैंगरेप दोषियों की फांसी पर आज सुप्रीट कोर्ट में होगा फैसला

image

May 5, 2017

नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले में आज सुप्रीम कोर्ट 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप केस में फांसी की सजा पा चुके आरोपियों की अपील पर फैसला सुनाएगी। परिजनों ने मांग की है कि अदालत फांसी की सजा को बरकरार रखे। केस में चारों दोषियों ने मुकेश, पवन, अक्षय और विनय ने निचली अदालत और दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से फिलहाल उनकी फांसी पर रोक लगी है।

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर भानुमति व न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ दोषियों की याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी। 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में पैरा मेडिकल की छात्रा निर्भया (नाम बदला) सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई थी।दुष्कर्मियों के अमानवीय व्यवहार और जानलेवा हमलों के कारण बाद में उसकी मौत हो गई थी। इस कांड से पूरा देश हिल गया था और बाद में दुष्कर्म से जुड़े कानून में भी बदलाव कर उसे कठोर किया गया ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं का दोहराव न हो।

साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सितंबर 2013 में चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 मार्च 2014 को मुहर लगा दी थी। दोषियों ने वकील एमएल शर्मा और एमएम कश्यप के जरिये सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी।

हाईकोर्ट ने दोषियों की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उनका अपराध दुर्लभ से दुर्लभतम की श्रेणी में आता है। निर्भया कांड का एक आरोपी नाबालिग था जिस पर जुविनाइल जस्टिस एक्ट के तहत जुविनाइल बोर्ड में मुकदमा चला। कानून के मुताबिक वह अपनी सजा पूरी कर छूट चुका है। हालांकि नाबालिग के छूटने पर भी देश में लंबी बहस छिड़ी जिसके बाद कानून में संशोधन किया गया और जघन्य अपराध में आरोपी 16 से 18 वर्ष के बीच के किशोरों पर सामान्य अदालत में मुकदमा चलाने के दरवाजे खोले गये।