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मोदी के बयान पर बोले यशवंत - मैं भीष्म हूं, अर्थव्यवस्था का चीर हरण नहीं होने दूंगा

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Oct 5, 2017

नई दिल्ली : पूर्व वित्त मंत्री और दिग्गज बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब दिया है। यशवंत सिन्हा ने कहा है कि मैं शल्य नहीं भीष्म हूं, भीष्म तो नहीं बोले थे लेकिन मैं बोलूंगा और अर्थव्यवस्था का चीरहरण नहीं होने दूंगा। कल प्रधानमंत्री मोदी ने अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाने वालों निराशावादी बताते हुए शल्य से उनकी तुलना की थी। शल्य महाभारत के युद्ध के दौरान कर्ण का सारथी था। शल्य युद्ध के दौरान कर्ण को हतोत्साहित करते थे।

अर्थव्यवस्था के चीर हरण पर चुप नहीं रहूंगा

आलोचकों की शल्य से तुलना पर यशवंत सिन्हा ने कहा, ”महाभारत में हर प्रकार के चरित्र हैं, शल्य भी उनमें से एक हैं। शल्य कौरवों की ओर कैसे शामिल हुए इसकी कहानी सबको पता है। दुर्योधन ने उन्हें ठग लिया था। शल्य नकुल और सहदेव के मामा थे। वो पांडवों के साथ लड़ना चाहते थे लेकिन ठगी का शिकार हो गए। महाभारत में ही एक अन्य चरित्र हैं भीष्म पितामाह। भीषण पितामाह पर आरोप है कि जब द्रौपदी का चीर हरण हो रहा था तब वो खामोश रह गए। अब अगर अर्थव्यवस्था का चीर हरण होगा तो मैं बोलूंगा।” प्रधानमंत्री ने कहा था कि यूपीए के कार्यकाल में लगातार आठ तिमाही जीडीपी नीचे रही। इस पर यशवंत सिन्हा ने कहा, ”यह सिर्फ एक तिमाही की बात नहीं है। पिछली लगभग छह तिमाही से जीडीपी दर नीचे आ रही है।”

2019 में लोग सवाल पूछेंगे तब क्या कहेंगे

यशवंत सिन्हा ने कहा, ”2019 में जब हम चुनाव में जाएंगे तो लोग हमारी तुलना यूपीए से नहीं करेंगे। वो उन वादों के बारे में पूछेंगे जो हमने किए थे। लोग पूछेंगे कि उन वादों का क्या हुआ। झब हम चुनाव में जाएंगे तो प्रधानमंत्री की तरह एक तरफा संवाद नहीं होगा, लोग सवाल पूछेंगे।” रोजगार पर प्रधानमंत्री के दावे पर भी यशवंत सिन्हा ने पलटवार किया। यशवंत सिन्हा ने कहा, ”प्रधानमंत्री ने 80 से 85 लाख का एक आंकड़ा पेश किया कि इतने लोग प्रॉविडेंट फंड में नए शामिल हो गए। इसते विस्तार में जब आप जाएंगे तो पता चलेगा कि एक अभियान चलाकर 2009 से रोजगार में शामिल लोगों को ईपीएफ में शामिल कराया गया। यह कहना कि ये नए लोग हैं जिन्हें रोजगार मिला है ये गलत है।”