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संसद में पास हुआ नया बिल, अब महिलाओं को मिलेगी 26 हफ्ते की मैटरनिटी लीव

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Mar 10, 2017

संसद में गुरुवार को प्रेग्नेंट महिलाओं की मैटरनिटी लीव से जुड़ा संशोधित बिल पास हो गया है. अब प्रेग्नेंट महिलाओं को 26 सप्ताह की मैटरनिटी लीव मिल सकेगी. इससे पहले प्रेग्नेंट महिलाओं को 12 सप्ताह की मैटरनिटी लीव मिलती थी. इस बिल से देश की 18 लाख महिला कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। गुरुवार को प्रेग्नेंट महिलाओं को मैटरनिटी लीव से जुड़ा संशोधित बिल संसद में पास हुआ. इसके मुताबिक, पहले दो बच्चों के लिए 26 हफ्ते की मैटरनिटी लीव मिल सकेगी, जो पहले 12 हफ्ते थी. तीसरे या इससे ज्यादा बच्चों के लिए नए नियमों का फायदा नहीं मिलेगा.  नियमों को नहीं मानने पर इम्प्लायर्स को 3 से 6 महीने की सजा और पांच हजार रुपए का जुर्माने हो सकता है।

मैटरनिटी बेनिफिट (एमेंडमेंट) बिल, 2016 पिछले साल अगस्त में राज्यसभा में पास होने के बाद इसे लोकसभा में रखा गया था। 4 घंटे की चर्चा के बाद यह पास हो गया। अब भारत सबसे ज्यादा मैटरनिटी लीव देने वाले देशों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर आ गया है. पहले नंबर पर कनाडा में 55 और नार्वे में 44 हफ्ते की छुट्टी प्रेग्नेंसी के दौरान दी जाती है। नए नियम 10 या इससे ज्यादा इम्पलाई वाली संस्थाओं पर लागू होंगे. पहले दो बच्चों के लिए 24 हफ्ते और उससे ज्यादा के लिए 12 हफ्ते की मैटरनिटी लीव महिला इम्प्लाई को मिलेगी।

बता दें कि मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट, 1961 के मुताबिक, देश की हर कामकाजी महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे की देखरेख के लिए छुट्टी मिलती है. इन दौरान उसे पूरी सैलरी देने का नियम है। यह विधेयक 11 अगस्त, 2016 को राज्यसभा में पारित हुआ था. इस विधेयक के पारित होने पर महिलाओं को मातृत्व अवकाश की अवधि खत्म होने पर घर से काम करने की सुविधा भी मिलेगी। साथ ही 50 या उससे अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों में क्रेच की सुविधा प्रदान करना अनिवार्य हो जाएगा. संशोधन विधेयक के कानून बनने के बाद कंपनियों को महिलाओं को काम के बीच चार बार क्रेच में जाने की अनुमति देना भी अनिवार्य होगा।