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पुलिस ने मांगी आलमी मरकज और इसके मुख्यालयों की फंडिंग के स्रोत की डिटेल

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Apr 4, 2020

नई दिल्ली: तबलीगी जमात की करतूतों की वजह से देशभर में कोरोना का संकट बढ़ गया है। अब प्रशासन ने तबलीगी जमात के खिलाफ शिकंजा कस दिया है। दिल्ली पुलिस ने अब मरकज के मौलाना साद कंधालवी समेत तबलीगी जमात की कोर कमिटी के सात सदस्यों को नोटिस कर दिया है। इन सातों की तलाश में लगी पुलिस को छानबीन के दौरान किसी भी अहाते में घुसने से पहले एहतियात बरतने के लिए कहा गया है, क्योंकि संभव है कि ये सातों भी कोरोना से से पीड़ित हों। पुलिस ने उनसे आलमी मरकज और इसके निजामुद्दीन स्थित मुख्यालयों की फंडिंग के स्रोत की डिटेल मांगी है। जमात ने पिछले तीन सालों में कितना टैक्स भरा है, उसके बैंक खातों में कहां-कहां से कितने पैसे आए हैं, इन सब डीटेल्स के साथ पैन भी मांगा गया है। मरकज के प्रमुख मौलाना साद और छह अन्य सदस्यों से उन विदेशियों और भारतीय जमातियों की लिस्ट भी मांगी गई है जो 11 से 13 मार्च के दौरान आयोजित ‘जोड़’ कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

सदस्यों और मरकज के कर्मचारियों की लिस्ट भी पुलिस को होगी सौंपनी

मरकज के सदस्यों से यह भी पूछा गया है कि क्या उन्होंने इतने बड़े आयोजन के लिए प्रशासन की अनुमति ली थी, क्या उन्हें इसकी लिखित अनुमति दी गई थी और क्या आलमी मरकज ने प्रशासन से किसी और मामले में संपर्क साधा था? उन्हें कमिटी के सदस्यों और मरकज के कर्मचारियों की लिस्ट भी पुलिस को सौंपनी होगी। पुलिस ने मरकज से पूछा कि वह 1 जनवरी से 1 अप्रैल तक वहां हुए सारे आयोजनों में शामिल लोगों की संख्या, नक्शा या साइट प्लान और परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बताए। 12 मार्च के बाद जिन लोगों ने कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, उनके ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ-साथ ओरिजनल रजिस्टर भी मांगा गया है जिसमें बाहर से आए लोगों के डीटेल्स दर्ज किए गए। मरकज को इस दौरान पार्किंग की देखरेख करने वालों और वॉलंटियरों की जानकारी भी पुलिस को देनी होगी।

12 मार्च के बाद कौन-कौन से सरकारी अधिकारी उनके यहां पहुंचे

मौलाना साद और उनकी कोर कमिटी के सदस्यों से यह भी पूछा गया है कि क्या कोई श्रद्धालु कार्यक्रम के दौरान वहां बीमार भी पड़ा था। आलमी मरकज ने लोगों को निकालने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए थे। खासकर देशव्यापी लॉकडाउन घोषित होने और 12 मार्च के बाद मरकज के जिन लोगों को अस्पताल ले जाया गया, उनके डीटेल भी मांगे गए हैं। दरअसल, पुलिस यह पता लगाने की भी कोशिश कर रही है कि मरकज से कितने लोगों को दिल्ली की दूसरी मस्जिदों या फिर घरों में शिफ्ट किया गया। मरकज से यह भी पूछा गया है कि उनके संगठन के नाम से कर्फ्यू पास जारी किए गए थे और 12 मार्च के बाद कौन-कौन से सरकारी अधिकारी उनके यहां पहुंचे थे।