Loading...
अभी-अभी:

क्या छग में भाजपा का चुनावी कमान संघ संभालेगा? : कांग्रेस

image

Apr 12, 2018

छत्तीसगढ़ में 2018 में आगामी चुनाव होने हैं चुनावी वर्ष में सभी राजनीतिक दलों की सियासी सक्रियता तेज हो चली है लेकिन कांग्रेस-भाजपा की सक्रियता के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सक्रिय हो गया है। इसी कड़ी में संघ के सर-कार्यवाहक डॉ.कृष्णगोपाल ने भाजपा के संगठन महामंत्री रामलाल की मौजूदगी में मुख्यमंत्री से लेकर भाजपा के बड़े नेताओं की बैठक ली लेकिन इसी बैठक पर कांग्रेस को आपत्ति हो गई है। कांग्रेस ने संघ, सरकार और भाजपा पर निशाना साधते हुए ये सवाल पूछ लिया है कि क्या छग में भाजपा का चुनावी कमान संघ संभालेगा? 

बैठक में यह मंत्री हुए उपस्थित
छत्तीसगढ़ राजधानी रायपुर रोहणीपुरम के आरएसएस कार्यालय में जहाँ आनन-फानन में कल संघ सर-कार्यवाहक डॉ. कृष्णगोपाल ने भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, प्रदेश भाजपा प्रभारी अनिल जैन, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को बैठक के लिए तलब किया। अचानक हुई इस बड़ी बैठक में सरकार के कई मंत्रियों और संगठन नेताओं के साथ संघ के 8 अनुषांगिक संगठन के प्रमुख भी मौजूद थे। 

समन्वय बैठक ​
संघ ने इसे समन्वय बैठक का नाम दिया था मसलन चुनाव से पहले सभी संघ के नेताओं, अनुषांगिक संगठनों और संगठन के पदाधिकारियों के साथ सत्ता का तालमेल सही रह सके यह एक तरह से चुनावी तैयारियों के साथ सत्ता और संगठन के काम-काज की समीक्षा थी हालांकि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इससे इंकार करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में विकास की कार्ययोजना पर चर्चा हुई चुनावी रणनीति भाजपा कार्यालय में बनती है।

कांग्रेस ने बीजेपी और आरएसएस पर जमकर साधा निशाना
लेकिन कांग्रेस को संघ की ये बैठक आंखों में गढ़ गई, कांग्रेस ने इस बैठक के बहाने आरएसएस और भाजपा सरकार पर निशाना साध दिया। कांग्रेस ने संघ की बैठक पर आपत्ति जताते हुए कई आरोप भी जड़ दिए साथ में यह सवाल भी उठा दिया कि, क्या छग में भाजपा का चुनावी कमान संघ संभालेगा? कांग्रेस का आरोप है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन के नाम पर ढोंग करता है स्वयं सेवक संघ समाज सेवा के नाम पर बीजेपी की राजनीति कर रहा है छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव में सरकार की पतली हालत को देखते हुए अब आरएसएस चुनावी कमाम संभालने में जुट गया है।

अब सवाल यह है कि संघ तो बीजेपी को दिशा-निर्देश हमेशा देते ही रहा है इसमें नया क्या ? सवाल ये भी है कि संघ बीजेपी की बैठके पहले भी लेते रहा है तो इसमें नया क्या ? ऐसे में फिर कांग्रेस को संघ और बीजेपी सरकार की बैठक को लेकर इतनी आपत्ति क्यों ? लेकिन कांग्रेस जिस तरह से संघ पर निशाना साध रही है और सवाल उठा रही है क्या उसमें भी कोई सच्चाई है ? क्या वाकई भाजपा सरकार मुश्किल में है या उनकी हालत इतनी पतली है कि संघ ने खुद अब चुनावी तैयारियों का मोर्चा संभाल लिया है ?