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CM योगी के कदम से बंदिश मुक्त हुआ चित्रकूट, हो गया ‘फ्री जोन’

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Oct 23, 2017

लखनऊ/यूपी : कई दशकों से दो राज्यों के बॉर्डर की बंदिशों में छटपटा रहा पावन धाम चित्रकूट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कदम रखते ही बंदिशमुक्त हो गया। सियासी वादे और दावों के कई दौर देख चुकी श्रीराम की तपोभूमि को जरूरत थी कि मप्र और उप्र की सीमाओं की औपचारिकताएं खत्म कर इसे फ्रीजोन घोषित किया जाए।

पूर्व की इस व्यवस्था को बहाल करने का जो वादा राज्यपाल राम नाईक कर गए थे, उसे रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरा कर दिया। देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं का संकट हरने वाला चित्रकूट अभी तक दो प्रदेश सरकार के पाटों के बीच पिस रहा था।

इस धरा को ‘फ्री जोन’ बनाने की मांग काफी अरसे से हो रही है, लेकिन आज तक लोगों की आस पूरी नहीं हुई। जबकि वर्ष 1993 में ही दोनों सूबे के राज्यपाल में आम सहमति बन गई थी और मध्य प्रदेश परिवहन विभाग ने ‘फ्री जोन’ की अधिसूचना भी जारी कर दी थी।

उसके बाद भी लोगों को उत्तर प्रदेश सरकार के असहयोग से इस अधिसूचना को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका था, लेकिन अब यह बाधा भी दूर हो गई है। प्रभु श्रीराम की तपोभूमि आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां के संत महंतों के बीच घोषणा कर गए हैं कि चित्रकूट 84 कोस में बसा परिक्षेत्र है।

अब सीमाएं बंधन में नहीं रहेगी। इस परिक्षेत्र में पड़ने वाले गुप्त गोदावरी, सती अनुसुइया आश्रम, स्फटिक शिला, जानकी कुंड, प्रमोदवन, कामतानाथ (कामदगिरि), सीताचरण, हनुमानधारा, सीता रसोई, कोटितीर्थ, देवांगना, रामघाट, बांके बिहारी, वाल्मिकी आश्रम, भरतकूप, राजापुर आदि धार्मिक स्थलों में कुछ मध्य प्रदेश और कुछ उत्तर प्रदेश में है।

आने वाले सैलानियों को इन धार्मिक स्थलों तक पहुंचने के लिए दोहरा टैक्स चुकाना पड़ता है। वैसे वर्ष 1993 में एमपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और राज्यपाल कुंवर महमूद अली खान से धर्मनगरी को कर मुक्त घोषित कर दिया था।

उन्होंने उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल मोतीलाल बोरा तो भी पत्र लिखा था, लेकिन वह कुछ करते कि उससे पहले उनको हटना पड़ा। उनकी जगह आए राज्यपाल बी सत्यनारायण रेड्डी को भी अजरुन सिंह ने पत्र लिखा था।

इसी दौरान एमपी परिवहन विभाग ने अधिसूचना जारी कर उत्तर प्रदेश सरकार को पारंपरिक परिवहन करार का पत्र लिखा था और मध्य प्रदेश परिवहन विभाग ने 29 अप्रैल 1993 को चित्रकूट को ‘फ्री जोन’ की घोषणा करते हुए 30 अप्रैल की मध्य रात्रि से अंतरराज्यीय चेक पोस्ट खत्म कर दिया था।

इसमें दोनों प्रदेश में पड़ने वाले करीब डेढ़ दर्जन स्थान व मार्गो को लिया गया था। चित्रकूट के ‘फ्री जोन’ में उत्तर प्रदेश सरकार अभी तक बनी रही। तब से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जिसे संतोषजनक कहा जा सके।

वैसे फरवरी 2015 में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक धर्मनगरी में रामायण मेला का उद्घाटन करने आए थे और संतों की मांग पर कहा था कि यहां पर भारत पाकिस्तान की सीमा जैसा कोई विवाद तो है नहीं, फिर ‘फ्री जोन’ बनने में क्या अडचन है। वह इसके लिए प्रयास करेंगे। आज वह साकार रुप लेने लगा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदाकिनी आरती के समय संतों के बीच घोषणा कर दी कि चित्रकूट फ्री जोन होगा। इसमें किसी प्रकार की बाधा आड़े नहीं आएगी। बता दें कि करीब दो माह पहले आए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी फ्री जोन की घोषणा करते हुए अपने क्षेत्र के सभी बैरियर खत्म कर दिए थे।