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सेना के खिलाफ एफआईआर को लेकर पूर्व सैनिकों में आक्रोश: जम्मू कश्मीर

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Feb 5, 2018

हाल ही में जम्मू कश्मीर पुलिस ने शोपियां गोलीकांड मामले में सेना की 10 गढ़वाल रेजिमेंट के एक मेजर व उनके अधीनस्थ जवानों की टुकड़ी के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है। इसे लेकर सेना और उससे जुड़े लोगों में खासी नाराजगी देखी जा रही है। इसी कड़ी में पूर्व सशस्त्र सैनिक व वेटरन एसोसिएशन इंदौर ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम इंदौर संभागायुक्त को ज्ञापन भी सौंप दिया है। एसोसिएशन ने पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई पर नाराजगी भी जताई है। साथ ही इस कार्रवाई को असंवैधानिक भी करार दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि सेना और सैनिकों के सम्मान की रक्षा की जाए। चूंकि जम्मू-कश्मीर में विशेष परिस्थितियां हैं लिहाजा यहां सशस्त्र सेना को विशेष अधिकार मिले हैं। एसोसिएशन ने आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पॉवर एक्ट 1990 नं. 21 का हवाला देते हुए लिखा कि इसके तहत मेजर आदित्य और 10 गढ़वाल रेजिमेंट के अन्य जवानों पर कार्रवाई गलत है। जम्मू-कश्मीर का कानून ये कहता है कि वहां तैनात सशस्त्र टुकड़ी को परिस्थितियों के मुताबिक हर तरह के एक्शन लेने का अधिकार है। ऐसे में टुकड़ी के अधिकारी को पुलिस थाने में चुनौती नहीं जा सकती है। गौरतलब है कि शनिवार शाम शोपियां के गनवनपोरा में आतंकियों की समर्थक हिंसक भीड़ के हमले में एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर समेत 7 सैन्यकर्मी घायल हो गए थे। इस पर जवानों ने आत्मरक्षा में गोली चलाई जिसमें दो युवक मारे गए थे। इसके बाद पूरी वादी में तनाव फैल गया। जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस संदर्भ में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण से भी बात की और इस घटना पर कड़ा एतराज जताया।