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लॉकडाउन तोड़ने वालों पर आईपीसी, आपदा प्रबंधन कानून के तहत मामला दर्ज हो: गृह सचिव

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Apr 3, 2020

सरकार ने गुरुवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों और झूठे दावे करने वालों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के संबंधित प्रावधानों के तहत मामले दर्ज होने चाहिए।सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि 24 मार्च को जारी लॉकडाउन (बंद) संबंधी कदमों में स्पष्ट उल्लेख है कि ‘‘इन पाबंदी वाले उपायों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति पर आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की धारा 51 से 60 तक के तहत प्रावधानों के तहत और आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।’’ उन्होंने कहा कि सार्वजनिक प्राधिकारों और नागरिकों के संज्ञान के लिए आपदा प्रबंधन कानून और आईपीसी के तहत दंडनीय प्रावधानों का व्यापक प्रसार होना चाहिए तथा लॉकडाउन के कदमों का उल्लंघन करने पर कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा संबंधित प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

देश के विभिन्न हिस्सों से बंद के उल्लंघन और कुछ लोगों द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों तथा पुलिस से बदसलूकी की खबरों के बीच सरकार ने यह कदम उठाया है। भल्ला ने आपदा प्रबंधन कानून और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि लॉकडाउन में अवरोध पैदा करने वालों को दो साल तक की कैद हो सकती है और किसी भी मामले में झूठे दावे करने वाले को दो साल तक की कैद तथा जुर्माने की सजा मिल सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा जैसे हालात में धन या संसाधनों के दुरुपयोग पर भी दो साल तक की कैद की सजा हो सकती है और जुर्माना लग सकता है। गृह सचिव ने मुख्य सचिवों को 31 मार्च को लिखे अपने पत्र का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने गृह मंत्रालय द्वारा आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत जारी लॉकडाउन के उपायों का बिना किसी छूट के कड़ाई से पालन करने को कहा था।