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भारत-चीन मौजूदा तंत्र के जरिए सुलझाए विवाद: चीनी विदेश मंत्रालय

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Jan 29, 2018

हाल ही में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और चीन को डोकलाम समेत अपने सीमा विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से संभाल लेना चाहिए। और मौजूदा तंत्र के जरिये उन्हें सुलझाना चाहिये। जैसा की आप जानते है कि भारत और चीन का डोकलाम विवाद दिन ब दिन बढता ही जा रहा था। और भारत चीन को इसके लिए एक सुनिश्चित समाधान खोजने की आवश्यकता है। इसी के चलते भारतीय राजदूत गौतम बंबावले के एक साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चूनयिंग ने भारत चीन डोकलाम विवाद का समाधान निकालते हुए कहा कि मौजूदा तंत्र के जरिये इन मतभेदों को खत्म किया जा सकता है। भारतीय राजदूत ने अपने साक्षात्कार में यहां तक कहा था कि 3,488 किलोमीटर की सीमा के संवेदनशील क्षेत्रों में यथास्थिति में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। सीमा पर तनाव को लेकर चर्चा करने के लिये व्यवस्था के अलावा भारत और चीन में सीमा विवाद को लेकर मतभेद के समाधान के लिये विशेष प्रतिनिधि स्तर की सीमा वार्ता का तंत्र भी मौजूद है। एक नई उपग्रह तस्वीर में दिख रही दोनों तरफ की मोर्चेबंदी को लेकर पूछे गये सवाल पर हुआ ने जोर देकर कहा कि डोकलाम चीनी भूभाग है और चीन उस इलाके में अपने प्रतिष्ठान बना रहा है। भूटान यहां अपनी संप्रभुता का दावा करता है। वही दूसरी तरफ उपग्रह की तस्वीरों के बारे में उन्होंने कहा, मै जोर देकर कहना चाहूंगी कि यह चीन की संप्रभुता में आता है जिसमें हम डोंगलांग इलाके में प्रतिष्ठानों का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने 1890 में हुई ब्रिटेन और चीन के बीच हुई संधि का संदर्भ देते हुये कहा, चीन-भारत सीमा का सिक्किम क्षेत्र इस ऐतिहासिक संधि से सीमांकित है और यह चीन के न्यायक्षेत्र में आती है। हुआ ने कहा, चीन ने हमेशा डोकलाम समेत अपने सीमावर्ती इलाकों में संप्रभुता को कायम रखा है।