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हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री सहित अन्य नेताओं ने दी देशवासियों को शुभ कामनाएं

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Apr 8, 2020

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोगों को हनुमान जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘पवनपुत्र का जीवन भक्ति और शक्ति का प्रतीक है जो हर संकट का सामना करने और उससे पार पाने की प्रेरणा देता है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हनुमान जयंती के पावन अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर देशवासियों को बधाई दी है।

गृहमंत्री अमितशाह ने ट्वीट करते हुये कहा समस्त देशवासियों को श्री हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने सभी देशवासियों को श्री हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं दी। अरविंद केजरीवाल ने उन्होंने लिखा, हनुमान जी के सभी भक्तों को हनुमान जयंती के अवसर पर ढेर सारी शुभकामनाएँ। हनुमान जी के आशीर्वाद से मनुष्य जाती को बहुत ही जल्द कोरोना के इलाज में प्रभावी "संजीवनी" मिलेगी। उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी इस अवसर पर मंगलकामनाएं की. उन्होंने लिखा- ‘श्री हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं सबके जीवन में असीम मनोबल के संचार की अनंत कामनाएँ!’

इसलिए मनाते हैं हनुमान जयंती

भगवान शिव के अवतार हनुमान जी का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को चित्रा नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था। जिस दिन हनुमान जी ने जन्म लिया, उस दिन मंगलवार था। इस वजह से प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी की आराधना की जाती है। कहा जाता है कि हनुमाज जयंती के दिन आप बजरंगबली को प्रसन्न करके अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हनुमान जयंती हर वर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। लॉकडाउन होने के चलते लोग आज घरों में ही हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ हनुमान जयंती मना रहे हैं। आज आप मंदिर तो जा नहीं सकते हैं लेकिन विधि विधान से हनुमान जी पूजा अर्चना कर उन्हें अपने घर बुला सकते हैं। बजरंगबली, पवनपुत्र, अंजनीपुत्र, केसरीनंदन, मारुतीनन्दन, पवनसुत, महावीर, कपीश और आंजनाय के नाम से पुकारे जाने वाले हनुमान जी की सच्ची पूजा आपको रोग, गरीबी, बुद्धिहीनता से छुटकारा दिलाएगी। पवनपुत्र हनुमान अपने भक्तों को अष्ट सिद्धि और नव निधि प्रदान करते हैं। बजरंगबली अपने भक्तो को आठ प्रकार की सिद्धयां तथा नौ प्रकार की निधियां प्रदान कर सकते हैं। उन्हें यह सिद्धियां और निधियां देने का वरदान सीता माता ने दिया था।