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तेंदूपत्ता घोटाला: कांग्रेस का बीजेपी पर वार, 3 सौ करोड़ के घोटाले का लगाया आरोप

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Apr 6, 2018

तेंदूपत्ता बोनस मामले में एक बार फिर से कांग्रेस ने सरकार पर बड़ा हमला बोल दिया है भूपेश बघेल ने प्रेस वार्ता करके सरकार पर 3 सौ करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है कांग्रेस ने इस मामले में सरकारी नीलामी प्रकिया के दस्तावेजों के साथ—साथ सीबीआई जांच की मांग भी की है वहीं सरकार इस मामले में लगातार अपनी सफाई दे रही है।

बता दें 300 करोड़ के तेंदूपत्ता घोटाला मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने आज फिर प्रेसवार्ता कर रमन सरकार पर जमकर हमला बोला है। भूपेश बघेल ने नीलामी प्रकिया के दस्तावेज मीडिया में पेश करते हुए कहा, कि सरकार ने ठेकेदारों से मिलीभगत कर 3 सौ करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया है। 

सरकार ने जो दस्तावेज पेश किए वही इस घोटाले का प्रमाण
बघेल ने कहा है​ कि, सरकार ने जो दस्तावेज कोर्ट के सामने दिए है वही इस घोटाले का प्रमाण है सरकार ने बताया है कि किस तरह 2007 से लेकर 2018 तक सरकार ने तेंदूपत्ता की नीलामी की है। बघेल ने दस्तावेज दिखाते हुए कहा है कि साल 2007 में सरकार 17 लाख बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण करती है। इसी तरह 2012 और 2017 में 17 लाख से अधिक संग्रहण सरकार करती है। लेकिन 2008, 2013 और 2018 में संग्रहण 14 लाख तक सीमित हो जाती है। 

भूपेश बघेल ने सरकार पर उठाए सवाल
बघेल ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं कि चुनाव से पहले के वर्ष में अधिक संग्रहण तेंदूपत्ता का होता है लेकिन चुनावी वर्ष में कम क्यों ? बघेल ने ये भी सवा उठाएं है कि आंकड़े कम दिखाकर सरकार संग्राहकों बोनस कम देना चाहती है ? सवाल इसे लेकर भी कि हर चुनावी वर्ष में सरकार का ये आंकड़ा कम-ज्यादा कैसे होता है ? भूपेश बघेल का आरोप है कि सरकार ठेकेदारों से मिलकर चुनावी वर्ष में इसी तरह से घोटाला करती है और फिर घोटाले की रकम नक्सलियों तक पहुँचाती है वहीं इस घोटाले में ठेकेदारों, अधिकारियों और मंत्रियों की मिलीभगत है इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। 

सरकार ने आरोंपो को बताया बेबुनियाद
दूसरी ओर भूपेश के इन आरोपों पर सरकार की सफाई भी आ गई है सरकार ने तमाम आरोपों को बेबुनियाद बताया है सरकार का कहना है कि ई-नीलामी के तहत सारी प्रकिया पारदर्शी होती है इस वर्ष 5 हजार 8 सौ 47 रुपये अधिक राशी अग्रिम नीलामी मिली है वहीं भाजपा नेता केदार गुप्ता ने बघेल पर पलटवार करते हुए कहा, कि कांग्रेस जवानों के मनोबल कमजोर करने वाले बयान देते रहते हैं।

क्या विपक्ष के आरोपों में है दम
बता दें कि 2007 में 17 लाख बोरा से अधिक, 2012 और 2017 में भी 17 लाख से अधिक बोरा तेंदूपत्ता की नीलामी कैसे, क्योंकि बाकी साल में आंकड़ा कम ही रहा है क्या वाकई सब पारदर्शी है या विपक्ष के आरोपों में कोई दम भी है ?