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डिग्री विवाद पर भड़के तेजस्वी कहा, सीएम अंग्रेजी भाषा में करें मेरे साथ बहस

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Jan 25, 2018

​हमारे देश में डिग्री विवाद का मसला कई दिनों से निरंतर चल रहा है। कभी किसी राजनेता पर सवालिया चिन्ह उठ खडे होते है तो कभी किसी पर। और अगर बात की जाए वर्तमान की तो फिलहाल जो राजनेता डिग्री विवाद पर फंसे हुए नजर आ रहे है वह बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव है। और इस विवाद के चलते तेजस्वी यादव इस कदर भड़के की उनका पूरा गुस्सा सीएम नीतिश कुतार पर चला गया। गौरतलब है कि तेजस्वी यादव अपनी डिग्री पर उठ रहे सवाल को लेकर गुस्से में आ गए थे। और उन्होंने कहा कि सिर्फ डिग्री ही शिक्षा का मानक नहीं होती। उन्होनें तो इस विवाद पर नीतीश कुमार को खुली चुनौती ही दे दी। उन्होनें कहा कि वे उनसे अंग्रेजी में बहस कर लें, पता चल जाएगा कि कौन कितना पढ़ा-लिखा है। दरअसल तेजस्वी यादव ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ जोरदार हमला तो बोला ही और उन्हें अंग्रेजी में बहस के लिए आमंत्रित भी कर दिया है। साथ ही उन्होंने बीजेपी नेता स्मृति ईरानी को भी निशाने पर ले लिया और कहा, मैं एक नहीं, बल्कि दो-दो सीएम का बेटा हूं। अगर मेरे माता-पिता चाहते तो नकली डिग्री मुझे भी दिला देते, लेकिन हम लोग स्मृति ईरानी जैसे नहीं हैं। तेजस्वी यादव तो यहां तक भी नहीं रूके उन्होंने इस दौरान बीजेपी और आरएसएस पर भी तंज कसना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग ये चाहते हैं कि हर हाल चुनाव हो जाये। लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे। तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लोग बीजेपी के खिलाफ रक्षा यज्ञ के साथ बिहार में उनके सफाये के अभियान की शुरूआत करेंगे। वहीं मोहन भागवत के बिहार प्रवास पर उन्होंने कहा कि वे फिर से बिहार में घूमने आने लगे हैं बीजेपी के लोगों ने अभी से ही हेलिकॉप्टर लाना शुरू कर दिया है, लेकिन राजद अपने पुराने अंदाज में टेम्पू, ठेला, रिक्शा से चुनाव का प्रचार करेगा। तेजस्वी की ओर से यह बड़ा बयान तब आया जब उनकी डिग्री को लेकर सवालिया निशान लगने शुरू हुए। इससे यह तो साबित हो जाता है कि लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया है। आपको बता दें कि उन्होंने स्मृति इरानी को इसीलिए घेरा क्योंकि मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय का जिम्मा संभालने के दौरान स्मृति ईरानी भी लगातार कई विवादों से घिरी रहीं। और उन्हीं में से एक था डिग्री विवाद। यह विवाद ईरानी के केंद्रीय मंत्री बनने के साथ ही शुरू हो गया था। उन पर चुनाव के वक्त दाखिल किए गए शपथ-पत्र में अपनी डिग्री की गलत जानकारी देने का आरोप लगा था। ईरानी ने इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय से 1996 में कला से स्नातक करने की बात कही थी, जबकि एक अन्य शपथ-पत्र में उन्होंने 1994 में डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से बी.कॉम प्रथम वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बारे में बताया था। बकौल तेजस्वी, महज डिग्री ही शिक्षा का मानदंड नहीं हैं। जानकारी के अनुसार, तेजस्वी ने कहा,बीजेपी के लोग जो चाहते हैं कि हर हाल में 2018 में चुनाव हों। हम किसी भी हालत में ऐसा होने ही नहीं देंगे। हम भाजपा रक्षा यज्ञ के साथ राज्य में उनके सफाई के अभियान का आगाज करेंगे। फिलहाल हम बिहार में हम लोग लोगों से प्रतिक्रियाएं ले रहे हैं।