Apr 6, 2018
बिजली के निजीकरण पर यूपी सरकार ने आखिरकार यूटर्न ले लिया हैं । बिजली सप्लाई के निजीकरण को लिए फैसले को अब सरकार ने वापस लिया हैं । सरकार के जरिए 7 जिलो में हुए निजीकरण के टेंडर को अब निरस्त किया जाएगा । बिजली के निजीकरण को लेकर विद्युत कर्मचारियों के आंदोलन से योगी सरकार घबराई गई और प्रमुख सचिव उर्जा आलोक कुमार ने कर्मचारी संघर्ष समिति से बातचीत के बाद लिखित पर आश्वास दिया सरकार के फैसले को वापस लेने का।
बिजली कर्मियों और अभियंताओं के जबर्दस्त विरोध के चलते प्रदेश सरकार ने बिजली के निजीकरण से कदम पीछे खींच लिए हैं। लखनऊ समेत 5 शहरों की बिजली व्यवस्था के निजीकरण और सात वितरण मंडलों में इंटीग्रेटेड सर्विस प्रोवाइडर की नियुक्ति का फैसला फिलहाल टाल दिया गया है।
प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार व विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच बृहस्पतिवार को हुई वार्ता और लिखित समझौते के बाद बिजली कर्मियों ने आंदोलन खत्म कर दिया। निजीकरण के विरोध में वे 17 मार्च से ही आंदोलन पर थे।
कर्मचारियों और अभियंताओं के आंदोलन के चलते गर्मी में बिजली संकट पैदा होने की आशंका पैदा हो गई थी। एक दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद सरकार की पहल पर बृहस्पतिवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को फिर वार्ता के लिए बुलाया गया था।
इन शहरों में थी तैयारी
कैबिनेट की 16 मार्च को हुई बैठक में लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, मुरादाबाद व गोरखपुर की बिजली व्यवस्था फ्रेंचाइजी को सौंपने का फैसला किया गया था।