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आप छोटी-छोटी गलतियों से सीखते हैं - पीएम मोदी

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Sep 7, 2019

पीएम मोदी कल यानि शुक्रवार देर रात को चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ के चांद पर उतरते हुए देखऩे के लिए येलहांका एयरबेस पहुंचे। पीएम मोदी एक विशेष विमान से यहां आए जहां उनके स्वागत में कर्नाटक सरकार और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। मिशन चंद्रयान-2 के चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर दूर लैंडर 'विक्रम' से संपर्क टूट गया। जिसके बाद इसरो के कंट्रोल रूम में मायूसी छा गई। सन्नाटे के बीच बाहर निकल चुके पीएम मोदी एक बार फिर कंट्रोल रूम में दाखिल हुए और वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने वैज्ञानिकों की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि अब तक आपने जो किया, वह कम बड़ी उपलब्धि नहीं है। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि आप छोटी-छोटी गलतियों से सीखते हैं। आपने देश की और मानव जाति की बड़ी सेवा की है। पीएम मोदी के इन लफ्जों से वहां मौजूद वैज्ञानिकों में हौसला आया।

चांद की कक्षा पर मौजूद चंद्रयान-2 ऑर्बिटर पूरे एक वर्ष तक करेगा चांद पर शोध

भारत ने चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास तक चंद्रयान-2 मिशन के तहत विक्रम लैंडर को पहुंचाकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा लिया है। हालांकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों का संपर्क विक्रम लैंडर के चांद की सतह से लगभग 2.1 किमी दूर टूट गया। फिलहाल वैज्ञानिक उसके डाटा का विश्‍लेषण कर रहे हैं। बता दें कि भले ही वैज्ञानिकों का संपर्क विक्रम लैंडर से टूट गया हो, किन्तु चांद की कक्षा पर मौजूद चंद्रयान-2 ऑर्बिटर पूरे एक वर्ष तक चांद पर शोध करेगा और उसके रहस्‍यों पर से पर्दा हटाएगा। इसका उल्लेख पीएम मोदी ने शनिवार को अपने संबोधन में भी किया है। इसके लिए चंद्रयान-2 ऑर्बिटर में बेहद शक्तिशाली उपकरण लगे हुए हैं। चंद्रयान-2 ऑर्बिटर का वजन 2,379 किलो है। यह 3.2*5.8*2.1 मीटर बड़ा है। इसकी मिशन लाइफ 1 वर्ष की है पूरे चंद्रयान-2 मिशन में इसी ऑर्बिटर को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। इसी के माध्यम से विक्रम लैंडर, प्रज्ञान रोवर और धरती पर मौजूद इसरो के वैज्ञानिकों के बीच संपर्क होना है। यह चांद की कक्षा पर मौजूद रहेगा।