Aug 17, 2022
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयकर विभाग पर 50 लाख का जुर्माना लगाया है और 3 सप्ताह के अंदर उसे पीएम रिलीफ फंड में जमा करने का निर्देश दिया है। हालांकि कोर्ट ने अपर सॉलिसिटर जनरल के अनुरोध पर अगली सुनवाई तक हर्जाने की राशि के अमल को स्थगित कर दिया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कानपुर आयकर विभाग और नेशनल फैसलेस एसेसमेंट सेंटर, नई दिल्ली की कार्यप्रणाली पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ये नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है। ये फैसला जस्टिस एसपी केसरवानी और जस्टिस जयंत बनर्जी की डबल बेंच ने एसआर कोल्ड स्टोरेज की याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने दिए निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनकम टैक्स द्वारा आवेदक को फर्जी नोटिस थमाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए याची के खिलाफ कार्रवाई रद्द कर दी है। इसके साथ ही केंद्र के वित्त सचिव को एक महीने के अंदर ऐसे सिस्टम का निर्माण करने का निर्देश दिया है जिसमें पोर्टल का डाटा सही हो, ताकि किसी को परेशानी ना हो और अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगाई जा सके।
शक्ति का न करें दुरुपयोग- HC
मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि न्याय व्यवस्था में अधिकारियों को देश के नागरिकों को परेशान करने की मनमानी की छूट नहीं है, और ना ही विधिक या राजनीतिक सिस्टम राज्य को कानून से ऊपर काम करने की इजाजत देती है।
पूरा मामला
याची ने यूनियन बैंक में 3 करोड़ 41 लाख 81 हजार रुपये जमा किए, और बैंक ऑफ बड़ौदा में कोई कैश नहीं जमा किया। इसके बावजूद 13 करोड़ 67 लाख 24 हजार रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा में जमा करने के आरोप में याची पर कार्रवाई की गई। याची ने इसके खिलाफ शिकायत करते हुए कहा कि पोर्टल परेशान करने वाला है। वहां कोई सुनवाई नहीं होती और प्रमुख आयकर आयुक्त को मामुली जानकारी तक नहीं है। इसपर आयकर विभाग ने कहा कि याचिका मजबूत नहीं है।