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ब्रिक्स में पाक को फिर झटका, पाक को बचाने में चीन नहीं हुआ सफल

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Sep 4, 2017

शियामेन। चीन में ​ब्रिक्स देशों के चल रहे सम्मलेन के घोषणापत्र में पाकिस्तान प्रेरित आतंकवाद पर बड़ी चोट की गई है और हक्कानी नेटवर्क सहित लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों का नाम सहित उल्लेख कर दुनिया भर के अन्य आतंकी संगठनों से समग्र रूप से सख्ती से निपटने की बात की गई है। 

चीन के शियामेन शहर में चल रहे ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद पर बड़ा प्रहार किया गया है। सम्मेलन में पाकिस्तान के कई आतंकी संगठनों का जिक्र किया गया है। ब्रिक्स सम्मेलन के घोषणा पत्र में 16 बार आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया गया है।

अपनी घोषणा में ब्रिक्स :ब्राजील, रूस्, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका: ने सभी देशों से अपील की ​है कि वे आतंकवाद से निपटने के लिए एक समग्र रूख अपनाएं। आतंकवाद से निपटने के क्रम में चरमपंथ से निपटने और आतंकियों के वित्त पोषण के स्रोतों को अवरूद्ध करने की भी बात की गई।

समूह ने क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति के साथ-साथ तालिबान, आईएसआईएस, अल-कायदा और लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद एवं हक्कानी नेटवर्क समेत इसके सहयोगी संगठनों द्वारा की जाने वाली हिंसा पर चिंता जाहिर की। समूह ने ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट और इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान, तहरीक-ए-तालिबान और हिज्ब उत-तहरीर जैसे आतंकी संगठनों का भी जिक्र किया।

ब्रिक्स क्या है?

ब्रिक्स दुनिया की पांच बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों का संगठन है. ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका इसके सदस्य हैं। दुनिया की करीब तैंतालिस फीसदी आबादी इन्हीं पांच देशों में रहती है। ब्रिक्स का आठवां शिखर सम्मेलन गोवा में हुआ था, जिसकी अध्यक्षता भारत ने की थी। गोवा शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को घेरने की भारत की रणनीति काफी सफल रही थी और आज चीन में भी ये मुद्दा उठाया गया है। 

याद होगा कि सम्मेलन शुरू होने वे पहले चीन ने एक बयान कर भारत से कहा था कि वह इस सम्मेलन में पाक समर्थित आतंकवाद का जिक्र न करे, क्योंकि पाक खुद आतंकवाद से पीड़ित है। इसके जवाब में भारतीय विदेश विभाग के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि भारत किसी देश के कहने से अपना एजेण्डा तय नहीं करता है। हम खुद अपना एजेण्डा तय करते हैं और जो कहना होता है, वह मुद्दा उटाते हैं।